महाराष्ट्र / उद्धव का शपथ ग्रहण शाम 6:40 पर, मंत्री पद के लिए कांग्रेस से थोराट का नाम; पृथ्वीराज-अशोक चह्वाण में से चुना जाएगा स्पीकर
न्यूनतम साझा कार्यक्रम में राज्य सरकार के अंदर आने वाले सभी रिक्त पदों को भरे जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता जी जाएगी.
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अजित पवार ने कहा- मैं मंत्री पद की शपथ नहीं लूंगा, उप-मुख्यमंत्री पर फैसला होना अभी बाकी
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शरद पवार के करीबी छगन भुजबल और जयंत पाटिल शपथ ले सकते हैं
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कांग्रेस अलाकमान का फैसला- जो राज्य में मुख्यमंत्री रहे, वो मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे
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समारोह में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत कई बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया
मुंबई. महाराष्ट्र में आज से ठाकरे राज शुरू हो रहा है। उद्धव ठाकरे आज राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मुंबई के शिवाजी पार्क में शाम 6.40 बजे शपथ लेंगे। उद्धव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करके कार्यक्रम में आने का न्योता दिया। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रण पत्र भी भेजा था। अजित पवार मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे। शरद पवार के करीबी छगन भुजबल और जयंत पाटिल को मंत्री पद की शपथ दिलवाई जा सकती है। कांग्रेस ने बालासाहेब थोराट का नाम मंत्री पद के लिए भेजा है। अशोक चह्वाण और पृथ्वीराज चह्वाण में से किसी को एक स्पीकर बनाया जा सकता है। कांग्रेस ने फैसला किया है कि जो पहले राज्य में मुख्यमंत्री रह चुके हैं, वे मंत्री पद की शपथ नहीं लेंगे।
बताया जा रहा है कि शपथ लेने के बाद उद्धव मुख्यमंत्री के तौर पर पहला फैसला किसानों की कर्ज माफी का ले सकते हैं। इसके साथ ही फसलों की बीमा योजना के रिव्यू का निर्णय भी लिया जा सकता है। गठबंधन की प्रेसवार्ता में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा- नाहर रिफाइनरी और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर कैबिनेट मीटिंग में चर्चा होगी। हम ऐसा कानून बनाएंगे, जिससे राज्य में आने वाली नई कंपनियों में 80% रोजगार के मौके महाराष्ट्र के मूल निवासियों के लिए आरक्षित हों।
तीनों पार्टियों के 2-2 मंत्री भी शपथ लेंगे
उद्धव के साथ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी यानी शिवसेना, कांग्रेस-राकांपा के दो-दो मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। तीनों दलों की बुधवार शाम हुई बैठक के बाद मंत्रालय के बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति बन गई है। बुधवार को राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि 3 दिसंबर से पहले विश्वासमत हासिल करना जरूरी है और मंत्रिमंडल का बाकी विस्तार इसके बाद ही किया जाएगा।
पटेल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में एक ही डिप्टी सीएम होगा। हालांकि, अजित पवार के सवाल पर वे कुछ नहीं बोले। इसलिए माना जा रहा है कि अजित को पार्टी ने हाशिये पर रख दिया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जयंत पाटिल अगले उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं। पटेल के मुताबिक, कांग्रेस को स्पीकर का पद दिया गया है। विधानसभा में एक डिप्टी स्पीकर भी होगा, ये पद राकांपा के पास गया है।
आदित्य ठाकरे ने सोनिया, मनमोहन को बुलाने दिल्ली गए
बुधवार देर रात आदित्य ठाकरे सोनिया गांधी को शपथ ग्रहण समारोह का न्योता देने उनके निवास 10 जनपथ पहुंचे। आदित्य ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी समारोह में आने का न्योता दिया। इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्योता दिया गया है। महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले 400 किसानों के परिजन को भी समारोह में बुलाया गया है।
70 हजार कुर्सियां लगाईं गई
उद्धव ठाकरे के शपथग्रहण को भव्य बनाने के लिए पूरी रात तैयारियां हुई हैं। बीएमसी, पीडब्लूडी और पुलिस के आलाधिकारी यहां लगातार मौजूद रहे। शिवाजी पार्क में करीब 70 हजार से अधिक कुर्सियां लगाई गई हैं, वहीं एक बड़े मंच पर विशेष मेहमानों के लिए सौ से अधिक कुर्सियां लगाई गई हैं।
इसलिए शिवाजी पार्क में शपथ ले रहे हैं उद्धव
ठाकरे परिवार के लिए मुंबई का शिवाजी पार्क हमेशा से खास रहा है। यही वो मैदान है, जहां से हाल में शिवसेना की दशहरा रैली में पार्टी नेता संजय राउत ने ऐलान किया था कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा। यहीं बाला साहब का अंतिम संस्कार हुआ। शपथ ग्रहण समारोह के लिए जहां मंच बनाया जा रहा है, उसके पीछे छत्रपति शिवाजी महाराज की बड़ी प्रतिमा है। साथ ही बाल ठाकरे का स्मारक बना हुआ है। यहीं पास स्थित गेट से उद्धव ठाकरे और शपथ ग्रहण समारोह में आने वाले अन्य वीवीआईपी एंट्री लेंगे।
कोलंबकर ने 288 विधायकों को शपथ दिलाई
मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा का बुधवार को विशेष सत्र बुलाया गया। इसमें प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलंबकर ने सभी 288 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर अजित पवार ने कहा- मैं पहले ही कह चुका हूं कि राकांपा में हूं। क्या उन्होंने मुझे बाहर निकाला? क्या आपने ऐसा कहीं सुना या पढ़ा? मैं अब भी राकांपा के साथ हूं।
महा विकास आघाड़ी का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम
शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच जो न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय हुआ है उसमें किसानों की कर्जमाफी से लेकर बच्चियों के मुफ्त शिक्षा की बात कही गई है. इसके तहत किसानों के कर्ज तुरंत माफ कर दिए जाएंगे. राज्य सरकार के अंदर आने वाले सभी रिक्त पदों को भरे जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता जी जाएगी. इसमें कहा गया है कि संविधान में जिन धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का जिक्र है, उन्हें यह गठबंधन बनाए रखेगा.
इसके अलावा कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाली बच्चियों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की तर्ज पर शहरी इलाकों में सड़क के लिए योजना लाई जाएगी. बता दें कि कॉमन मिनिमन प्रोग्राम को लेकर तीनों दलों के बीच लंबी चर्चा चला थी. इसके बाद तीनों दलों को हाई कमान ने इसके फाइनल ड्राफ्ट पर अपनी मुहर लगाई.
उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण से पहले तीनों दलों के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को जारी करते हुए शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि महा विकास आघाड़ी मजबूत सरकार देने की कोशिश करेगा. हम महाराष्ट्र की जनता के लिए काम करेंगे. ये आम जनता की सरकार है. बेरोजगारी का हल निकालने की कोशिश करेंगे. किसानों की अड़चनों को दूर करेंगे. बारिश से जो उनका नुकसान हुआ है उसका भी समाधान निकालेंगे. धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं होगा.
चंद घंटों बाद उद्धव ठाकरे लेंगे सीएम पद की शपथ
चंद घंटों बाद उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वे राज्य के 18वें मुख्यमंत्री होंगे. बड़ी खबर ये सामने आई कि अजित पवार आज शपथ नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि आज हर पार्टी से दो-दो यानी कुल छह मंत्री शपथ लेंगे. अजित पवार ने कहा कि डिप्टी सीएम पद को अभी पार्टी ने फैसला नहीं किया है. बता दें कि राज्य में डिप्टी सीएम का एक ही पद होगा और वह एनसीपी के कोटे से होगा. पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि वो डिप्टी सीएम बन सकते हैं. उधर एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा, ‘’ आज सिर्फ मैं और छगन भुजबल मंत्री पद की शपथ लेंगे.’’
शपथ ग्रहण से पहले तीनों दलों ने आज कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया. इसमें किसानों की तुरंत कर्जमाफी और गरीब बच्चियों के लिए मुफ्त शिक्षा का वादा किया गया है. इसके साथ ही प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 80 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है. साथ ही मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की तर्ज पर शहरी इलाकों में सड़क के लिए योजना लाई जाएगी. इसके अलावा राज्य सरकार के अंदर आने वाले सभी रिक्त पदों को भरे जाने की बात कही गई है. इसके साथ ही महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता जी जाएगी.
शपथ ग्रहण समारोह में कई नेताओं को आमंत्रित किया गया है. उद्धव ठाकरे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे को भी न्योता दिया है. राज ठाकरे शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होंगे. इसके अलावा डीएमके नेता एमके स्टालिन मुंबई पहुंच गए हैं.राज्यस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल होंगे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल होंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होंगे.
उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाएंगी सोनिया गांधी, कहा-तबीयत खराब होने की वजह से लिया निर्णय
नई दिल्ली: तमाम जद्दोजहद के बाद शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना रहे हैं. मगर न्योते के बावजूद उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नहीं जाने का फैसला किया है. हांलाकि पार्टी के दूसरे बड़े नेता जरूर ग्रहण समारोह में शामिल हो रहे हैं. जहां कांग्रेस ने राहुल गांधी के इस समारोह में नहीं जाने की वजह बताते हुए कहा कि राहुल अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं, इसलिए उनके जाने की कोई वजह नहीं थी. वहीं सोनिया गांधी से इस विषय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनका गला खराब है. इसी कारण वह ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रही हैं.
ऐसा करते वक्त उन्होंने संकेत दिए कि बदलते मौसम की वजह से तबीयत खराब होने के कारण वह मुंबई नहीं आ सकेंगी. यही नहीं संसद में कुछ सांसदों ने भी जब सोनिया गांधी से पूछा कि वह शपथ ग्रहण में जा रहीं है या नहीं, तो उन्होंने सांसदों को भी यही जवाब दिया कि गला खराब होने की वजह से उनकी तबीयत ठीक नहीं है. हाल ही में अपनी सेहत की वजह से ही सोनिया गांधी महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों के दौरान प्रचार भी नहीं कर सकीं थीं. हाल फिलहाल वह दिल्ली छोड़ के अन्य राज्यों का दौरा भी नहीं कर रही हैं. हाल ही में उनका छत्तीसगढ़ दौरा भी अचानक सेहत को देखते ही टाल दिया गया था.
उधर राहुल गांधी के भी शपथ में नहीं जाने की वजह से चर्चा गरम है कि राहुल खुद शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर शायद पूरी तरह से आश्सवस्त नहीं थे, इसलिए उन्होंने शपथ में नहीं जाना ठीक समझा. जबकि कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि राहुल इसलिए नहीं गए क्योंकि अब वो पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं. लिहाजा उनके जाने का औचित्य नहीं था. सोनिया गांधी ने भले ही गला खराब होने की वजह से शपथ ग्रहण में ना जाने का फैसला किया हो मगर उनके घर पर मौजूदगी से सवाल तो जरूर उठेंगे. आपको बता दें कि आदित्य ठाकरे मुंबई से खुद उन्हे न्योता देने देर रात पहुंचे थे. उसके बावजूद उनका नहीं जाना ये तो नहीं दिखाता कि सोनिया गांधी शिवसेना के इतिहास को देखते हुए फिलहाल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ एक मंच पर नहीं दिखना चाहतीं? शायद सोनिया चाहतीं है कि शिवसेना पहले अपनी नीतियों से अपनी राजनीति में बदलाव दिखाए तो ही वो उद्धव ठाकरे के साथ दिखना चाहेंगी. लेकिन अगर वजह यही है तो निश्चित तौर पर विद्रोही इसे सत्ता हासिल करने के लिए आशीर्वाद की राजनीति जरूर कहेंगे.