मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 371 को हटाने की दिशा में काम करे। इसके लिए हम समर्थन देने के लिए तैयार हैं। अनुच्छेद 371 के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों को विशेष दर्जे का प्रावधान है, लेकिन यह जम्मू-कश्मीर से अलग है। हालांकि, पवार ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर कहा था कि सरकार को इसे खत्म करने से पहले लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था।
पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, “अब अनुच्छेद 371 का क्या होगा? पूर्वोत्तर राज्य से अनुच्छेद 371 क्यों नहीं खत्म कर रहे हैं? आप इसे हटाओ, मैं आपको समर्थन करुंगा और इसके बाद लोग वहां जमीन भी खरीद सकेंगे। सिर्फ कश्मीर क्यों? आप केवल अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऐसा कर रहे हैं और उनके मन में आतंक फैला रहे हैं।”
राजनीतिक लाभ के लिए गलत जानकारी दे रही सरकार: पवार
उन्होंने कहा, “कश्मीर मुद्दे पर एक आयोग का गठन किया गया था और हमने कहा था कि यदि आप इस पर कुछ करना चाहते हैं तो पहले आपको लोगों को विश्वास में लेना होगा। इसके हटने से लोग वहां पर जमीन खरीद सकेंगे क्योंकि इसके बने रहने से ऐसा नहीं हो सकता था।” उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए लोगों के बीच गलत जानकारी फैलाई जा रही है।
अमित शाह ने कहा था- अनुच्छेद 371 से छेड़छाड़ नहीं होगी
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 सितंबर को गुवाहाटी में कहा था कि अनुच्छेद 371 से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद विपक्षी दलों ने एक अभियान चलाकर अनुच्छेद 371 को हटाने की अफवाह फैलाई। शाह ने कहा था, “मैंने संसद में भी स्पष्ट किया था और यहां भी कहना चाहूंगा कि इसे नहीं हटाया जाएगा। अनुच्छेद 370 अस्थायी व्यवस्था थी। जबकि अनुच्छेद 371 एक विशेष प्रावधान है। दोनों में यह मूल अंतर है। मोदी सरकार अनुच्छेद 371 और 371 (ए) से लेकर 371 (जे) के तहत सभी प्रावधानों का सम्मान करती है।”