इसमें 6 श्रेणी के लोगों की भूमिका हैं
- ऐसे लोग हैं जिसके अंदर यह भय पैदा कर दिया गया है कि मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है। इसलिए हमको अपनी रक्षा के लिए वहां जाना चाहिए।
- दूसरी श्रेणी जिन्हें पूरा सच मालूम है लेकिन मोदी,भाजपा और संघ से नफरत के कारण वह लोग वहां डटे हुए हैं ताकि आग बुझे नहीं।
- तीसरी श्रेणी में वो है जिनका आंदोलन से कोई लेना देना नहीं, वे या तो नेता, मालिक या किसी अन्य के कहने पर या पैसे के लालच में आए हैं।
- चौथी श्रेणी उन नेताओं की है जो मुसलमानों के हमदर्द बनकर उनका वोट लेना चाहते हैं।
- पांचवी श्रेणी उनकी है जो जेएनयू से लेकर जामा मस्जिद तक एवं कहीं जगहों पर देश विरोधी नारों से लेकर उत्पात के कारण बने हैं। उनको लगता है कि इनके साथ जोड़कर वह और ताकतवर होगे और सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
- छठी श्रेणी उन मजहबी कट्टरपंथियों की है जो देश में अपनी सोच का जिहादी माहौल पैदा करने के लिए सक्रिय रहे हैं।