हाईली सेंसेटिव जोन में 20 मिनट फंसे रहे मोदी:हाईवे पर जहां काफिला रुका, वहां से पाक बॉर्डर महज 50 किलोमीटर, इसी एरिया में हो चुका ब्लास्ट

 फिरोजपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला बुधवार को तकरीबन 20 मिनट तक बेहद असुरक्षित एरिया में खड़ा रहा। पंजाब में फिरोजपुर जिले के अंदर मुदकी के पास नेशनल हाईवे पर जिस जगह PM को रुकना पड़ा, वह हाईली सेंसेटिव जोन है। यहां से इंडो-पाक इंटरनेशनल बॉर्डर महज 49 किलोमीटर दूर है और इस एरिया में लगातार टिफिन बम और अन्य विस्फोटक पदार्थ मिलते रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री की विजिट के मद्देनजर पंजाब पुलिस को जिस तरह के इंतजाम करने चाहिए थे, ग्राउंड पर वह नजर नहीं आए।

भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर के नजदीक बसे होने की वजह से फिरोजपुर पंजाब का बेहद संवेदनशील जिला है। यहां प्रधानमंत्री की रैली का ऐलान लगभग डेढ़ हफ्ते पहले हो गया था। दूसरी तरफ लुधियाना और पठानकोट में हाल में हुए बम धमाकों के बाद पूरा पंजाब हाई अलर्ट पर है। जिस जलालाबाद कस्बे में 15 सितंबर 2021 में ब्लास्ट हुआ, वह भी फिरोजपुर के नजदीक है और NIA की जांच में साफ हो चुका है कि वह आतंकी हमला था।

फिरोजपुर के पास नेशनल हाईवे पर खड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला और उसके अधिकारी।
फिरोजपुर के पास नेशनल हाईवे पर खड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला और उसके अधिकारी।

इसी एरिया में टिफिन बम की डिलीवरी

जलालाबाद ब्लास्ट के बाद NIA द्वारा टिफिन बम सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया गुरमुख सिंह रोडे इसी एरिया में पड़ते मोगा जिले के रोडे गांव का रहने वाला है, जो जरनैल सिंह भिंडरावाले की जन्मस्थली है। भिंडरावाले का भतीजा और लंबे समय से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा खालिस्तान की हिमायत करने वाल लखबीर सिंह रोडे भी इसी इलाके का है।

लखबीर सिंह रोडे ने ही गुरमुख के जरिये बॉर्डर पार से टिफिन बम की डिलीवरी की थी। केंद्रीय एजेंसियों के सामने गुरमुख ने स्वीकार किया था कि एक-दो टिफिन बम की डिलीवरी फिरोजपुर सेक्टर में हुई है। ऐसे में PM की रैली की सूचना के बाद पंजाब पुलिस के पास तैयारियों के लिए पर्याप्त समय था, मगर उसका काउंटर इंटेलीजेंस विभाग और दूसरा खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल रहा।

पंजाब पुलिस ने जो रूट सुझाया, उसी पर चूक

बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री को पहले हेलिकॉप्टर से फिरोजपुर पहुंचना था। चूंकि बुधवार सुबह से मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सकता था, ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) को बाय रोड फिरोजपुर पहुंचने का यह रूट पंजाब पुलिस ने ही सुझाया। पंजाब पुलिस ने इस रूट को सुरक्षित बताया मगर इसी पर बड़ी चूक हो गई।

पंजाब पुलिस ने की थी रिहर्सल
बठिंडा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री सड़क के रास्ते फिरोजपुर के लिए रवाना हुए। उनका काफिला बठिंडा-फिरोजपुर फोरलेन से होते हुए निकला। एसपीजी प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री के आने-जाने के लिए जो रूट इस्तेमाल किया जाता है, उस रास्ते की हर तरह से जांच की जाती है। पंजाब पुलिस ने भी मंगलवार को बठिंडा-फिरोजपुर फोरलेन पर प्रधानमंत्री के काफिले को लेकर रिहर्सल की गई थी। तब सबकुछ सही रहा।

सुबह सबकुछ ठीक, 12 बजे के बाद गड़बड़ी

पंजाब सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 10 हजार पुलिस मुलाजिम लगाए गए। पंजाब पुलिस ने बुधवार सुबह भी बठिंडा-फिरोजपुर फोरलेन को चेक किया और सुबह 7 बजे से 9 बजे तक हाईवे पर कहीं कोई रुकावट नहीं थी। दोपहर 12 बजे के बाद अचानक चीजें बिगड़ती चली गईं और किसान संगठनों के सदस्य और शरारती तत्व हाईवे तक पहुंचने में कामयाब हो गए। इस दौरान पंजाब पुलिस का इंटेलीजेंस पूरी तरह फेल साबित हुआ।

प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते ने ही निर्णय लिया था सड़क के रास्ते फिरोजपुर जाने का फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री के खतरे वाली कोई बात नहीं हुई है और न ही कोई हमला हुआ है। अचानक ही लोग सड़क पर आकर बैठे थे।

प्रधानमंत्री को खतरे जैसी कोई बात नहीं: चन्नी

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते ने ही सड़क के रास्ते फिरोजपुर जाने का फैसला लिया। प्रधानमंत्री को खतरे जैसी कोई बात नहीं हुई और न ही कोई हमला हुआ। अचानक ही लोग सड़क पर आकर बैठ गए थे।

PM की सुरक्षा पर कांग्रेस की सोच:दूसरे लॉकडाउन के हीरो कांग्रेस नेता श्रीनिवास का ट्वीट- मोदीजी, हाउज द जोश; यूथ कांग्रेस ने कहा- यह कर्मों का फल

पंजाब के फिरोजपुर में बुधवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली सुरक्षा कारणों से रद्द कर दी गई। इसके तुरंत बाद मोदी ने चन्नी पर तंज कसा। कहा कि शुक्रिया, मेरी जान बच गई। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर साजिश का आरोप लगाया तो कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी भी शुरू हो गई।

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने प्रधानमंत्री से सवाल किया, “मोदीजी हाउज द जोश।” इसके बाद यूथ कांग्रेस ने भी इसी तर्ज पर बयानबाजी की। ट्वीट किया, “यह कर्मों का फल है।” बता दें कि बीवी श्रीनिवास ने दूसरे लॉकडाउन के दौरान लोगों को खाना, ट्रांसपोर्टेशन और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराकर सुर्खियां बटोरी थीं।

कांग्रेस के बयान
1. रैली रद्द होने की वजह खाली कुर्सियां

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जब सुरक्षा प्रबंध को लेकर पंजाब सरकार को कठघरे में खड़ा किया तो रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें आपा न खोने की सलाह दी। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “आपा मत खोइए। जरा शराफत से याद करिए कि प्रधानमंत्री की रैली के लिए 10 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। SPG और दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर सभी व्यव्सथाएं की गईं। सभी रूट डायरवर्ट कर दिए गए।

हरियाणा और राजस्थान से आने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए भी रूट डायवर्ट किया गया। रैली रद्द होने का कारण खाली कुर्सियां रहीं। यकीन न हो तो देख लीजिए।”

2. दूल्हा आया न बाराती, न बजी शहनाई
श्रीनिवास ने ट्वीट किया, “जो लोग 750 किसानों की शहादत से नहीं बौखलाए। जिस प्रधानमंत्री ने देश के अन्नदाता को उनके हाल पर छोड़ दिया और कभी मुलाकत नहीं की। आज वे सभी लोग खाली कुर्सियों के चलते रद्द हुई रैली की वजह से दुखी हैं। न दूल्हा आया, न बाराती आए और न शहनाई बज पाई।’

3. आपने किसानों को रोका था, ये कर्म हैं
यूथ कांग्रेस ने मोदी की रैली रद्द होने पर ट्वीट किया- आप किसानों को दिल्ली के बॉर्डर में घुसने से से रोक देते हैं। यह तो कर्मों का फल है।

सरकार ने पूछे कांग्रेस सरकार से सवाल

1. सिक्योरिटी डिटेल कहां से लीक की गई?
2. पीएम की सिक्योरिटी के बार-बार कहने पर भी रिस्पांड क्यों नहीं किया गया?
3. पीएम के सिक्योरिटी ब्रीच पर कांग्रेस अब जश्न क्यों मना रही है?

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बयानबाजी पर तंज किया है। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुने गए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेस जोश का जश्न मना रही है। उनके बयान आ रहे हैं कि हाउज द जोश मोदीजी। ईरानी ने कहा कि बैर मोदी से है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री का बालबांका करने की साजिश को देश समर्थन नहीं देगा।

पंजाब में लगे राष्ट्रपति शासन- कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य को सुरक्षित रखना है तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर आप एक प्रधानमंत्री को सुरक्षा नहीं दे सकते तो फिर यह किस तरह का शासन है। पंजाब को सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रपति शासन जरूरी है। हम पाकिस्तान बॉर्डर से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर थे, फिर भी सरकार पीएम की सुरक्षा नहीं कर पाई।

काफिले को नहीं थी अतिरिक्त सुरक्षा, पंजाब सरकार से रिपोर्ट तलब

गृह मंत्रालय के मुताबिक पीएम की सुरक्षा के लिए सड़क से गुजरते वक्त अतिरिक्त सुरक्षा होनी चाहिए थी, लेकिन यहां ऐसा कोई बंदोबस्त नहीं किया गया था। इसकी वजह से पीएम को वापस बठिंडा लौटना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है और इसे गंभीर सुरक्षा चूक करार दिया है। इस बारे में पंजाब सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार को कहा गया है कि इस मामले में जिम्मेदारी फिक्स कर सख्त एक्शन लिया जाए।

फिरोजपुर में थी रैली, कई जगह भाजपा की बसें रोकी गईं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर में चुनावी रैली थी। किसान आंदोलन खत्म होने के बाद वह पहली बार पंजाब आए थे। मौसम खराब होने की वजह से वह बठिंडा से सड़क मार्ग के जरिए फिरोजपुर जा रहे थे। इस दौरान उनके दौरे का भी विरोध हो रहा था। कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की बसों को रोका गया। जिसके बाद यह रैली रद्द कर दी गई। हालांकि इसमें पहले बारिश को वजह बताया गया लेकिन मौसम के बारे में पहले ही जानकारी मिल चुकी थी। अब इसके सुरक्षा चूक से जुड़े होने के कारण पंजाब सरकार के रवैये को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

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