SBI ग्राहकों को बड़ी राहत, NEFT-RTGS के बाद अब IMPS पर नहीं लगेगा कोई चार्ज
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अब 1 अगस्त 2019 से आईएमपीएस चार्ज भी खत्म करने का ऐलान किया है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आदेश के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जुलाई से एनईएफटी और आरटीजीएस पर लगने वाले चार्ज हटा दिए हैं.
नई दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अब 1 अगस्त 2019 से आईएमपीएस चार्ज भी खत्म करने का ऐलान किया है. दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आदेश के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जुलाई से एनईएफटी और आरटीजीएस पर लगने वाले चार्ज हटा दिए हैं.
RBI द्वारा डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लेन-देन पर लगने वाले शुल्कों को खत्म किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब बैंक ने आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) से लेनदेन करने पर भी एक अगस्त से शुल्क हटाने का निर्णय किया है.
गौरतलब है कि बड़ी राशि के लेनदेन के लिए RTGS और दो लाख रुपये तक के लेनदेन के लिए NEFT प्रणाली का उपयोग किया जाता है. बैंक का कहना है कि योनो, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने वाले यूजर्स से अब किसी तरह का आईएमपीएस चार्ज नहीं वसूला जाएगा.
SBI ग्राहकों के लिए एक तरह से यह बड़ी राहत है. अब आईएमपीएस लेनदेन पर भी कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. योनो (यू ऑनली नीड वन) बैंक की डिजिटल और लाइफस्टाइल मंचों को एक साथ लाने वाली एप का नाम है. इसके पंजीकृत ग्राहकों की संख्या करीब एक करोड़ है.
एसबीआई के 6 करोड़ इंटरनेट बैकिंग ग्राहक हैं, जबकि 1.41 करोड़ लोग मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं. बैंक के डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो को 1 करोड़ ग्राहक इस्तेमाल करते हैं.
क्या होता है आईएमपीएस
इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के इंस्टैंट इंटरबैंक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर सर्विस है, जो मोबाइल फोन और एटीएम जैसे अन्य चैनल्स, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से की जाती है. आईएमपीएस के मामले में बेनिफिशियरी के अकाउंट में तुरंत ही फंड पहुंच जाता है.