पंजाब में बीज घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ एसआईटी का गठन करने की मांग को शिअद का प्रदर्शन

-अकाली दल के हलका इंचार्ज व पदाधिकारियों ने डीसी के मार्फत राज्यपाल को भेजा मांग पत्र

बठिंडा . पंजाब में बीज घोटाले का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है। शिअद, कांग्रेस के मंत्रियों के खिलाफ हमले बोल रहा है। इसी क्रम में बठिंडा में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की अगुवाई में अकाली दल के सभी हलका इंचार्ज डीसी बठिंडा से मिले व राज्य के राज्यपाल के नाम एक मांगपत्र सौंपकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। अकाली दल के हलका इंचार्ज सरुपचंद सिंगला, अमीत रत्न, दर्शन सिंह कोटफत्ता, जगदीप सिंह नकई, अमीत रत्ना की तरफ से डीसी बठिंडा को शिकायत पत्र सौंपा गया।

 

  • इसमें कुछ किसानों की तरफ से विभिन्न बीज कंपनियों व दुकानों से धान के पीआर 128, 129 बीज नकली ओर महंगे भाव मे दिए जाने को लेकर आरोपियों के खिलाफ और उनको शह देने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई। इसमें कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सुखजिदर रंधावा की शामूलियत को लेकर उनके इस्तीफे की मांग भी की गई।
  • उनके खिलाफ भी कानूनी कारवाई करने की मांग को लेकर एक प्रेस कन्फ्रेंस भी की गई। इसमें अकाली दल के जिला प्रेस सचिव डा. ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि किसान विंग के राष्ट्रीय प्रधान सिकंदर सिंह मलूका ने प्रेसवार्ता में कहा कि हमारे कुछ किसानों द्वारा सीड कपनियों से धान की पीआर 128, 129 किस्म की बीज की खरीद की गई।
  • इसे करीब 200 रुपये किलो के हिसाब से नकली बीज जिसे पीएयू द्वारा मानताप्राप्त कह कर बेचा गया जो सरासर किसानों के साथ धोखा है। इसमें करोड़ों रुपए के बीज का घपला किया गया। इस घपले में सरकार के कुछ मंत्रियों व अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फरीदकोट में तो बराड़ सीड जिसके खिलाफ खेती विभाग की की शिकायत पर मामला भी दर्ज किया गया है। ये बीज करनाल सीड की तरफ से तैयार किया जाता है। लक्की ढिल्लो जिसे सुखजिदर रंधावा की पूरी शह है।
  • इसमें पूरा मामला सामने आने के बाद सरकार का फर्ज बनता है कि वह आरोपियों के खिलाफ सख्त कारवाई करे और साथ ही उन कांग्रेसी मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो जो इनको शह दे रहे हैं। सिकंदर सिंह मलूका, पूर्व सीपीएस सरुपचंद सिंगला ने कहा कि 11 मई 2020 को मुख्यखेतीबाड़ी अधिकारी लुधियाना की एक टीम ने पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना के गेट नंबर 1 के सामने बराड़ सीड़ स्टोर लुधियाना की दुकान पर भी चैकिंग की थी।
  • इस चैकिंग के दौरान दुकान नें धान की किस्म पीआर-128 के 30 किलोग्राम के 185 थैले व 5 व 10 किलोग्राम वाले 69 थैले पकड़े गए थेष इस स्टोर में कई दूसरे गैरकानूनी बीज भी पकड़े गए। इस तरह के मामले पंजाब के दूसरे स्थानों में भी सामने आए है। अब इस मामले में कुछ कांग्रेसी मंत्री व नेताओं के नाम सामने आने के बाद सरकार उच्चस्तरीय जांच से भाग रही है। 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों को बीज बेचने वाले इस कंपनी के खिलाफ बिना किसी देरी के एसआईटी का गठन कर कानूनी कारर्वाई करने की मांग की गई।

हरियाणा की है फैक्ट्री
बता दें कि जिस फैक्ट्री ने यह बीज बेचे हैं, वह पंजाब सरकार के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर रंधावा के विघानसभा क्षेत्र में आती है। जिसका मालिक लक्की है। इसकी कंपनी एग्री सीड हरियाणा के करनाल में स्थित है। मगर यह पंजाब में बिना किसी मान्यता के सरकारी बीज बेच रहा है। वह बीज जिसे सरकार ने बाहर बेचने की इजाजत भी नहीं दी है।

कृर्षि विश्वविद्यालय ने तैयार किए थे बीज
गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने लुधियाना कृर्षि विश्वविद्यालय में धान की फसल के दो बीज तैयार कराए थे। जिन्हें सरकार ने अभी बाहर बेचने की इजाजत नहीं दी है। यह बीज केवल कृर्षि विश्वविद्यालय 70 रुपए के हिसाब से बेच सकता था मगर विश्वविद्यालय से बाहर बराड़ सीड स्टोर पर इस बीज का भारी स्टोर पकड़ा गया है। जिसकी जांच में पाया गया है कि यह बीज हरियाणा की एग्री सीड नाम की कंपनी ने सप्लाई किया है। जो कि पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के करीबी की है।

विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी
फिलहाल पंजाब पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पंजाब की राजनीति में अब इस घोटाले ने तूल पकड़ ली है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी अकाली दल इसे जोर-शोर से उछाल रही है। अकाली दल ने इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है। साथ ही 28 मई को एक बड़ा विरोध प्रर्दशन भी बुलाया है। वहीं सरकार की तरफ से सुखजिंदर रंधावा ने खुद इस मामले पर अपनी चुप्पी साध रखी है। जिस कारण पूरी तरह इस घोटाले को लेकर बैकफुट पर है।

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