अमृतसर. शिरोमणि अकाली दल के प्रधान एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब में 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव शिअद-भाजपा मिलकर लड़ेंगे। असल में दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन टूटने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि पंजाब में भी गठबंधन में दरार पड़ सकती है। सोमवार को श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे सुखबीर बादल ने इस असमंजस को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ पंजाब के हितों वाला गठजोड़ है।
सुखबीर बादल और उनकी केंद्रीय मंत्री पत्नी हरसिमरत कौर आज श्री हरमंदिर साहिब में परिवार की ओर से रखे गए गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ की अरदास में शामिल हुए। उन्होंने हर तरफ सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। सुखबीर बादल तरनतारन में शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व महासचिव गुरबचन सिंह करमूवाला के लड़के के शगुन के मौके गांव शेरों के सिद्धू फार्म में पहुंचे।
सीएए के मुद्दे पर दोहराई मुसलमानों को साथ लेने की बात
इसी बीच मीडिया से बात करते हुए सुखबीर ने कहा कि वह नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन भारत सभी धर्मों का देश है। सभी को समान मौके मिलने चाहिए। अकाली दल की शुरू से ही मांग रही है कि मुसलमानों को भी नागरिक संशोधन कानून के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।
कैप्टन सरकार पर लगाया विकास कार्य रोकने का आरोप
सुखबीर ने कहा कि पंजाब में विकास कार्य कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में पूरी तरह रोक चुके हैं। पंजाब में जो विकास कार्य पहले चलते थे उनको भी बंद कर दिया गया है। मौजूदा सरकार पंजाब के लोगों के हितों और विकास वाली सरकार नहीं है। इस सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। राज्य में कांग्रेस के राज में ड्रग तस्करों और गैंगस्टर मिलकर काम कर रहे हैं। डीजीपी का पंजाब पर कोई नियंत्रण नहीं है। खाली खजाने का रोना रोकर कांग्रेस सरकार अपनी नाकामियां छिपा रही है। इसके अलावा सुखबीर ने टकसाली अकालियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि परमजीत सरना कांग्रेस के एजेंट हैं।