आरएसएस ने इमरान खान को दिया जवाब- संघ और भारत पर्यायवाची, यह समझने के लिए आपको बधाई

इमरान ने यूएनजीए के मंच का इस्तेमाल भारत के साथ संघ को हिटलर और मुसोलिनी से प्रभावित बताते हुए कहा, “संघ ऐसा संगठन है, जो हिंदू नस्ल को ऊपर मानता है। उनके दिल में मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए घृणा है। उनका मानना है कि हिंदुओं के शासन का स्वर्णकाल मुस्लिमों की वजह से खत्म हुआ। संघ के संस्थापकों को देखिए गोलवलकर और सावरकर। इसी घृणा की विचारधारा ने महान महात्मा गांधी की हत्या की।

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  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक का जिक्र किया था
  • इमरान ने कहा था- नरेंद्र मोदी आरएसएस के आजीवन सदस्य, संघ के दिल में लोगों के प्रति घृणा
  • संघ ने कहा- दुनिया जानती है कि हम आतंकवाद के विरोधी, इमरान के बयान से हमें प्रसिद्धि मिल रही

नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) से भारत के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया। अपने संबोधन में बार-बार भारत का नाम लेने के साथ इमरान ने करीब 10 बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भी जिक्र किया। इस पर संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने शनिवार को चुटकी ली। उन्होंने कहा, “भारत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर्यायवाची हैं। हम भी यही चाहते हैं कि दुनिया भारत और संघ को एक ही समझे। इमरान खान ने यह काम अच्छी तरह से किया है। उन्हें बधाई।”

‘इमरान अपनी वाणी को विराम न दें, हमारा प्रचार करते रहें’
दरअसल, इससे पहले किसी भी पाकिस्तानी नेता ने यूएन में भाषण के दौरान संघ का नाम नहीं लिया था। इमरान के भाषण पर डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा, “बिना कुछ किए ही इमरान आरएसएस के नाम को दुनिया में पहुंचा रहे हैं। दुनिया में जो-जो आतंकवाद से पीड़ित हैं, वे यह अनुभव करने लगे हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आतंकवाद के विरोध में है। बिना कुछ किए हमें इतनी प्रसिद्धि मिल रही है। हम ये प्रार्थना करते हैं कि इमरान अपनी इस वाणी को विराम न दें। बोलते रहें।’’

इमरान के भाषण में संघ के साथ सावरकर का भी जिक्र
इमरान ने यूएनजीए के मंच का इस्तेमाल भारत के साथ संघ को हिटलर और मुसोलिनी से प्रभावित बताते हुए कहा, “संघ ऐसा संगठन है, जो हिंदू नस्ल को ऊपर मानता है। उनके दिल में मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए घृणा है। उनका मानना है कि हिंदुओं के शासन का स्वर्णकाल मुस्लिमों की वजह से खत्म हुआ। संघ के संस्थापकों को देखिए गोलवलकर और सावरकर। इसी घृणा की विचारधारा ने महान महात्मा गांधी की हत्या की। 2002 में मोदी ने इसी घृणा की विचारधारा के चलते गुजरात में संघ के गुंडों को हिंसा फैलाने की इजाजत दी। इन्होंने मुस्लिमों की हत्या कर दी और सैकड़ों मुस्लिम बेघर हो गए।”

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