पोंजी स्कीम फ्यूचर मेकर लाइफ केयर ने लाखों लोगों के साथ की थी ठगी, ED ने जब्त की 261 करोड़ की प्रॉपर्टी

इस मामले में आरोपी मेसर्स फ्यूचर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशक राधेश्याम और बंसीलाल हैं. कंपनी ने भोले-भाले लोगों को मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर अपने पोंजी पिरामिड स्कीम का सदस्य बनाया था और उन्हें हर महीने 20 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक कमाने का लालच दिया गया था.

0 921,459

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने एक पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनी के दो डायरेक्टर और उनके परिजनों की 261 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी कुर्क कर ली है. यह कार्रवाई प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत की गई है. ईडी के मुताबिक इस प्रॉपर्टी के तहत आवासीय प्लॉट, कृषि भूमि, आलीशान मकान शामिल हैं.

इस मामले में आरोपी मेसर्स फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड के दो निदेशक राधेश्याम और बंसीलाल हैं. यह संपत्त‍ियां हिसार, आदमपुर, कुलाम, दिल्ली और चंडीगढ़ में हैं. इसके अलावा कंपनी के उक्त अधिकारियों और उनके सहयोगियों के बैंक खातों में जमा रकम भी जब्त कर ली गई है.

 

गौरतलब है कि तेलंगाना राज्य पुलिस ने मेसर्स फ्यूचर मेकर लाइफ केयर प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ आम जनता से धोखाधड़ी करने के लिए एफआईआर दर्ज किया था. इस एफआईआर के आधार पर ही प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के तहत जांच शुरू की है.

कंपनी ने भोले-भाले लोगों को मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर अपने पोंजी पिरामिड स्कीम का सदस्य बनाया था और उन्हें हर महीने 20 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक कमाने का लालच दिया गया था. इस स्कीम के तहत लोगों को सिर्फ सूट लेंथ या खाने-पीने के सामान बेचने के लिए कहा जाता था. प्रवर्तन निदेशालय ने बताया, ‘उन्होंने अपने कमीशन मॉडल का जमकर प्रचार किया जिसके तहत नए सदस्य बनाने पर जमकर कमीशन दिया जाता था.

ईडी का दावा है कि मनी लॉन्ड्र‍िंग मामले की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि स्कीम के सब्सक्राइबर्स से जालसाजी करके फंड लिया गया और इस फंड को निदेशकों, उनके परिजनों और अन्य सहयोगियों के निजी खातों में ट्रांसफर कर दिया.

ईडी ने आरोप लगाया है कि कंपनी के प्रमोटर भारी कमीशन का लालच देकर लोगों को लुभाते थे और उन्हें यह सपने दिखाए जाते थे कि वे बिना ज्यादा मेहनत के तत्काल धनी बन सकते हैं.

एजेंसी के मुताबिक उन्होंने जनता के साथ यह झूठ बोलकर भी धोखाधड़ी की कि उनकी यह फ्रॉड पिरामिड स्कीम एक वैध डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क स्कीम है. अभी तक की जांच से यह पता चला है कि आरोपियों ने लाखों सदस्यों से करीब 2,950 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

अभी तक आरोपियों से 9.08 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्ति और 34 खातों में मौजूद 252 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस जब्त किया गया है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.