कश्मीर में हालात ‘बिगड़ने’ वाला पत्र जारी करने वाले आरपीएफ अधिकारी का तबादला, डीजी ने दी जानकारी
अपने पत्र में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त (बडगाम) सुदेश नुग्याल ने ‘कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका’ के मद्देनजर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए कर्मचारियों को कम से कम चार महीने के लिए रसद जमा कर लेने, सात दिन के लिए पानी एकत्र कर लेने और गाड़ियों में ईंधन भरकर रखने को कहा था.
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में ‘बिगड़ते हालात’ के बारे में विवादास्पद पत्र जारी करने वाले रेलवे सुरक्षाबल (आरपीएफ) के बडगाम में पदस्थ एक अधिकारी का तबादला कर दिया गया है. आरपीएफ महानिदेशक अरुण कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी. पत्र में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त (बडगाम) सुदेश नुग्याल ने ‘कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका’ के मद्देनजर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए कर्मचारियों को कम से कम चार महीने के लिए रसद जमा कर लेने, सात दिन के लिए पानी एकत्र कर लेने और गाड़ियों में ईंधन भरकर रखने को कहा था.
आरपीएफ महानिदेशक ने कहा, ‘आदेश जारी करने वाले अधिकारी का स्थानांतरण कर दिया गया है. अध्ययन अवकाश पर गए वरिष्ठ आरपीएफ अधिकारी की गैर मौजूदगी में एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी को पद की जिम्मेदारी दी गयी है. दरअसल आरपीएफ के अधिकारी के लिखे पत्र से हलचल मच गयी और सोशल मीडिया पर भी इसे खूब साझा किया गया. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे संदेश के पीछे की मंशा पर सवाल उठाए.
हालांकि, रेलवे ने स्पष्ट किया कि बिना किसी आधार के पत्र लिखा गया और अधिकारी के पास इसे जारी करने का अधिकार नहीं था. कुमार ने बताया कि मुरादाबाद के वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त संदीप रविवंशी को अब श्रीनगर में तैनात किया गया है. दरअसल सुदेश नुग्याल ने कर्मचारियों को ऐहतियातन कम से कम चार महीने के लिए राशन जमा कर लेने और घाटी से अपने परिवारों को दूसरी जगह भेजने को कहा था. हालांकि, रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि पत्र को बिना किसी अधिकार के भेजा गया.
कुमार ने कहा कि रेलवे सुरक्षाबल (आरपीएफ) आगे की कार्रवाई के लिए राज्य के दौरे पर गए आरपीएफ के महानिरीक्षक संजय सांकृत्यायन की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है. यह विवाद ऐसे समय हुआ जब केंद्र ने हाल में घोषणा की थी कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 100 और कंपनियां (10,000 जवान) राज्य में भेजी जाएंगी. सरकार ने कहा है कि कश्मीर घाटी में आतंक रोधी प्रयासों और कानून -व्यवस्था से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए जवानों की तैनाती की जा रही है.