नई दिल्ली: रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) टैग वाले वाणिज्यिक वाहनों को आज से अनिवार्य रूप से कैशलेस भुगतान के लिए तैयार रहना होगा. ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्हें दंड स्वरूप दोगुनी कर राशि का भुगतान करना पड़ेगा. दक्षिण दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. आरएफआईडी प्रणाली वाणिज्यिक वाहनों से एमसीडी टैक्स और पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) का स्वत: संग्रह करने की अनुमति देती है. इस प्रणाली को 24 अगस्त को शहर के 13 व्यस्ततम टोल प्लाजा पर लागू किया गया था. इसका उद्देश्य सड़कों पर लगने वाले जाम और प्रदूषण को कम करना है. इस प्रणाली से जहां राजस्व में चोरी बचेगी वहीं पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रणधीर सहाय ने बताया कि बड़ी संख्या में वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों ने उनके आरएफआईडी खाते को रिचार्ज नहीं कराया है. परिणामस्वरूप नई शुरू की गई प्रणाली पूरी तरह से कैशलेस नहीं हो पायी है. उन्होंने बताया, ”आरएफआईडी परियोजना का एक मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया को पूरी तरह कैशलेश बना कर टोल प्लाजाओं पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना है. इसे सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि वाहन मालिक अपने आरएफआईडी खातों को रिचार्ज करायें.”
सहाय ने बताया कि 24 अगस्त को इस प्रणाली के लागू होने के बाद केवल गैर आरफआईडी वाणिज्यिक वाहनों को ही जुर्माना देना पड़ता था और आरएफआईडी टैग वाले वाहनों का वालेट अगर रिचार्ज नहीं है तो उनके पास नकद भुगतान का विकल्प मौजूद रहेगा. सहाय ने कहा, ”शुक्रवार से प्रणाली पूरी तरह कैशलेस हो गयी है. 13 टोल प्लाजाओं पर कोई नकद राशि स्वीकार नहीं की जाएगी. जिन लोगों ने अपने खाते रिचार्ज नहीं कराये हैं उन्हें टैक्स की दोगुनी राशि का भुगतान करना होगा और उनके वाहनों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा.”
रणधीर सहाय ने बताया कि अब तक तीन लाख 60 हजार आरएफआईडी टैग बिक चुका है लेकिन बहुत कम संख्या में व्यवसायिक वाहनों ने इसके माध्यम से एमसीडी टैक्स और ईसीसी का भुगतान किया है. वाहन मालिक अपने आरएफआईडी खातों को बेवसाइट ईसीसीटीएजीएसडीएमसी डॉट काम पर या मोबाइल एप ‘एमसीडी टोल’ के माध्यम से रिचार्ज करा सकते हैं. इसके अलावा वे 28 कियोस्क पर भी अपने खातों को रिचार्ज करा सकते हैं. दिल्ली आने वाले वाहनों में से 85 फीसदी इन्हीं 13 टोल प्लाजा से होकर गुजरते हैं.