नई दिल्ली : आखिरकार राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 में करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार (03 जुलाई 2019) को कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। असमंजस की स्थिति खत्म हो गई। औपचारिक रूप से त्यागपत्र की घोषणा के बाद राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भविष्य की तरक्की के लिए यह फैसला लिया। चुनाव परिणाम आने के बाद राहुल ने सबसे पहले 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। वर्किंग कमेटी ने उनकी इस पेशकश को ठुकरा दी थी। लेकिन राहुल गांधी तब से अपने इस्तीफे पर अड़े हुए थे। इस्तीफे बाद उन्होंने कहा कि पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव करे।
Nalin Kohli,BJP on Rahul Gandhi's resignation: It is upto him whether he continues or resigns.There are 2 types of parties, one like the BJP which is run by democracy, on the other hand you have family driven parties like the Congress. So it is for them to decide, we have no role pic.twitter.com/FsPN7C0gfO
— ANI (@ANI) July 3, 2019
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद विपक्षी पार्टियों और सहयोगी पार्टियों की तरफ बयाने आने शुरू हो गए। बीजेपी के नलिन कोहली ने कहा कि ये उनके ऊपर निर्भर है कि वह अध्यक्ष रहें या इस्तीफा दें। दो तरह की पार्टियां हैं। एक बीजेपी की तरह जो लोकतंत्र द्वारा चलाई जाती है। दूसरी ओर परिवार द्वारा चलाई जा रही पार्टी कांग्रेस है। यह उन्हें तय करना है, हमारी कोई भूमिका नहीं है।
JD(S) President & ex-PM HD Deve Gowda: Rahul Gandhi toured entire country, & struggled to strengthen the org. He has done his best. He has taken moral responsibility. I requested but he has taken moral stand for defeat but he's not going to retire, he's going to work for party. pic.twitter.com/xp89EqkgEX
— ANI (@ANI) July 3, 2019
जनता दल (सेक्युलर) के अध्यक्ष और पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने पूरे देश का दौरा किया और संगठन को मजबूत करने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी ली है। मैंने अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने हार के लिए नैतिक रुख अपनाया है। लेकिन वे रिटायर होने वाले नहीं हैं। वह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को उसी सक्रियता और लड़ाई की भावना के साथ पार्टी का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ना चाहिए था, जिस तरह से उन्होंने चुनाव प्रचार किया था। लेकिन एक साथ मिलकर हम राहुल गांधी के विजन को उनके मार्गदर्शन में पार्टी को मजबूत और बड़ा बनाने के लिए आगे बढ़ेंगे।
Punjab CM Capt Amarinder Singh on Rahul Gandhi: It is a difficult time for the party, but together, we will get through it, to come out stronger and bigger, with Rahul’s vision continuing to guide us. https://t.co/7YMajXHsSl
— ANI (@ANI) July 3, 2019
कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने पत्र में जो कुछ भी लिखा पार्टी की कमियों पर। भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन सब पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए और हम उससे अपील करते हैं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।
Jitin Prasada, Congress: Whatever he (Rahul Gandhi) has written in the letter, and party's shortcomings, everything must be deliberated upon, keeping the future in mind. And we appeal to him that he should rethink his decision. pic.twitter.com/m5n345HW7A
— ANI (@ANI) July 3, 2019
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया, वह हमारे नेता बने रहेंगे। सोनिया गांधी हमारी अध्यक्ष नहीं हैं लेकिन वह हमारी नेता बनी हुई हैं। स्वाभाविक है उनके साथ पार्टी कार्यकर्ताओं का विश्वास, स्नेह, विश्वास बना रहेगा।
Salman Khurshid,Congress on R Gandhi: He left office of party president, he doesn't cease to be our leader.Sonia Gandhi isn't president anymore but she remains our leader. By way of natural standing they'll continue to have admiration,affection,confidence of party workers in them pic.twitter.com/4rCs67jsOn
— ANI (@ANI) July 3, 2019
राहुल गांधी के इस्तीफे पर कुमार विश्वास ने ट्वीट किया- कांग्रेस की हताशा समझ से बाहर है। जब सब तरफ एक ही सत्ता हो तब तो विपक्ष के लिए सबसे मुफीद मैदान होता है ! जमीनी,सच्चा मुश्किल जनसंघर्ष 100% सफलता का रास्ता है ! डगमगाता विपक्ष जनहितों के खिलाफ है व हर सत्ता का अहंकार ऐतिहासिक सत्य, अत: असहमति के हाथो पर ज़्यादा ज़िम्मेदारी है।
कांग्रेस की हताशा समझ से बाहर है😳जब सब तरफ़ एक ही सत्ता हो तब तो विपक्ष के लिए सबसे मुफ़ीद मैदान होता है !ज़मीनी,सच्चा मुश्किल जनसंघर्ष 100% सफलता का रास्ता है ! डगमगाता विपक्ष जनहितों के खिलाफ है व हर सत्ता का अहंकार ऐतिहासिक सत्य, अत: असहमति के हाथो पर ज़्यादा ज़िम्मेदारी है🇮🇳
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) July 3, 2019
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुबारक हो, वह अपने फैसले से खड़े रहे। वह युवा है, वह भविष्य में फिर से अध्यक्ष बन सकते हैं। वह हमेशा चाहते थे इस स्थान पर कोई और रहे। मैं यह नहीं कह सकता, हार की वजह से ऐसा फैसला लिया। मुझे लगता है वह पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे।
Farooq Abdullah on resignation of Rahul Gandhi: Mubarak Ho, that he stood by his decision. He's young, he can become president again in future. He had always wanted someone else in that position, I can't say that defeat did this. I think he'll now work towards building the party. pic.twitter.com/LusXeFHLBS
— ANI (@ANI) July 3, 2019
गौर हो कि इस्तीफे बाद राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि उस पार्टी का सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात है जिसके मूल्यों और विचारों ने जीवनशक्ति के रूप में हमारे सुंदर देश की सेवा की है। मुझ पर देश और संगठन का कर्ज है। उन्होंने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी मेरी है। हमारी पार्टी के भविष्य की तरक्की के लिए जवाबदेही होना महत्वपूर्ण है। इसी कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।
राहुल ने कहा, मेरी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है। बीजेपी के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है, लेकिन मेरी रग-रग में भारत का विचार है। उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरएसएस का घोषित लक्ष्य पूरा हो चुका है। हमारा लोकतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हो गया है। अब इसका वास्तविक खतरा है कि आगे चुनाव महज रस्म अदायगी भर रह जाए।