नोटबंदी का फैसला सही था, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने गिनाए फायदे

गौरतलब है कि आरबीआई के आंकड़े कहते हैं कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 99.30 फीसदी 500 और 1000 के पुराने नोट बैंक में वापस आ गए. विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी का सबसे ज्‍यादा प्रभाव उन उद्योगों पर पड़ा, जो ज्‍यादातर कैश में लेनदेन करते थे. उनका कारोबार ठप पड़ गया. लोगों की नौकरियां चली गईं.

नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के 3 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन अभी भी विपक्ष इस फैसले को लेकर मोदी सरकार को घेरने में जुटा रहता है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का सीधा आरोप है कि नोटबंदी का फैसला गलत था और इससे आम आदमी का कारोबार चौपट हो गया.  हालांकि सरकार अब खुले तौर पर नोटबंदी का जिक्र नहीं करना चाहती है.

दरअसल, नोटबंदी लाने के पीछे मोदी सरकार ने कई वजहें बताई थीं. जिसमें कालेधन का खात्मा करना, सर्कुलेशन में मौजूद नकली नोटों को खत्म करना, आतंकवाद और नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने समेत कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देना था.
लेकिन अब केंद्र सरकार ने धीरे-धीरे नोटंबदी से किनारा कर लिया है. लेकिन इस बीच नोटबंदी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास का बयान आया है. शक्तिकांत दास ने कहा है कि नोटबंदी का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर अच्छा रहा है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यस्था के लिए कई मायनों में काम किया है.
एक इंटरव्यू में शक्तिकांत दास ने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा ही किया है, इसका सकारात्मक प्रभाव रहा है. RBI के गवर्नर ये बातें Indian Express को दिए एक इंटरव्यू में कही. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है, पैरलल इकोनॉमी या अर्थव्यवस्था से बाहर के पैसे की अकाउंटिंग हुई.

इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि क्या RBI ने MSME जैसे सेक्टर्स पर नोटबंदी के प्रभाव की जांच की है, तो इसपर उनका जवाब था कि ऐसी कोई एक्सरसाइज नहीं हुई है.

बढ़ती महंगाई दर के सवाल पर शक्तिकांत दास ने कहा सरकार का फोकस फिलहाल ग्रोथ पर है. उन्होंने कहा कि महंगाई में इस अस्थाई बढ़ोतरी के बीच RBI ने ग्रोथ से अपना फोकस नहीं हटाया है.

NBFC संकट पर शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI अभी 50 टॉप NBFCs पर नजर रख रहा है. यह 50 NBFCs पूरे NBFC पोर्टफोलियों में 75 फीसदी हिस्सा रखती हैं. उन्होंने कहा कि RBI यह सुनिश्चित कर रहा है कि सिस्टेमिटकली अहम NBFC न डूबे.

गौरतलब है कि आरबीआई के आंकड़े कहते हैं कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए 99.30 फीसदी 500 और 1000 के पुराने नोट बैंक में वापस आ गए. विपक्ष का कहना है कि नोटबंदी का सबसे ज्‍यादा प्रभाव उन उद्योगों पर पड़ा, जो ज्‍यादातर कैश में लेनदेन करते थे. उनका कारोबार ठप पड़ गया. लोगों की नौकरियां चली गईं.

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