RBI कल दे सकता आम आदमी को बड़ा तोहफा, सीधा होगा आपकी जेब पर असर
देश का सेंट्रल बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) आम लोगों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकता है. माना जा रहा है कि RBI बैठक में ब्याज दरें 0.35 फीसदी तक कम हो सकती है.
नई दिल्ली। देश का सेंट्रल बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) आम लोगों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकता है. माना जा रहा है कि RBI बैठक में ब्याज दरें 0.35 फीसदी तक कम हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो यह तीसरा मौका होगा जब ब्याज दरें घटाई जाएंगी. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महंगाई दर RBI के अनुमान से नीचे हैं.
- वहीं, देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट है. ऐसे में देश की आर्थिक ग्रोथ को पटरी पर लाने के लिए ब्याज दरें घटाना बेहद जरूरी है. ब्याज दरें घटाने का मतलब है कि अब बैंक जब भी आरबीआई से फंड (पैसे) लेंगे, उन्हें नई दर पर फंड मिलेगा. सस्ती दर पर बैंकों को मिलने वाले फंड का फायदा बैंक अपने उपभोक्ता को भी देंगे. यह राहत आपके साथ सस्ते कर्ज और कम हुई ईएमआई के तौर पर बांटा जाता है. इसी वजह से जब भी रेपो रेट घटता है तो आपके लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है. साथ ही जो कर्ज फ्लोटिंग हैं उनकी ईएमआई भी घट जाती है.
- ब्याज दरें घटना लगभग तय! अमेरिका की रिसर्च फर्म बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि गुरुवार को RBI ब्याड दरों में 0.35 प्रतिशत की गैर-परंपरागत स्तर की कटौती कर सकता है. केंद्रीय बैंक प्राय: 0.25 या 0.50 प्रतिशत की कटौती या वृद्धि करते हैं.
- विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) की रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई संतोषजनक स्तर पर है, जिस वजह से केंद्रीय बैंक परंपरागत से हटकर ब्याज दरों में कुछ अधिक की कमी कर सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया कि नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद राजकोषीय तथा करंसी के मोर्चे पर जोखिम कम हुआ है. इससे उम्मीद है कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत से अधिक की कटौती होगी.
क्या होगा ग्राहकों पर असर
(1) मौजूदा ग्राहक अगर लोन MCLR से जुड़ा है जिन ग्राहकों के लोन एमसीएलआर से जुड़े हैं, उनके ईएमआई का बोझ कम होगा. इसके लिए जरूरी है कि बैंक एसीएलआर में कटौती करे. हालांकि, फायदा तभी से शुरू होगा जब लोन की रीसेट डेट आएगी.अमूमन बैंक छह महीने या सालभर के रीसेट पीरियड के साथ होम लोन की पेशकश करते हैं. रीसेट डेट आने पर भविष्य की ईएमआई उस समय की ब्याज दरों पर निर्भर करेंगी.
(3) नए ग्राहक नए होम लोन ग्राहक एमसीएलआर व्यवस्था में लोन ले सकते हैं. उनके पास एक्सटर्नल बेंचमार्क व्यवस्था का मूल्यांकन करने का भी विकल्प है. इसके लिए उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा. इस तरह की व्यवस्था पर दिशानिर्देश आने बाकी हैं.
जो लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र हैं, वे भी लोन लेने के बारे में विचार कर सकते हैं. स्कीम में लोन पर ब्याज सब्सिडी मिलती है. सरकार ने स्कीम की मियाद 31 मार्च, 2020 तक बढ़ा दी है.
क्यों कम होंगी ब्याज दरें- अर्थशास्त्रियों का कहना है कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगा. देश की आर्थिक ग्रोथ की चिंता में RBI यह फैसला ले सकता है. मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 5.8 फीसदी पर आ गई है जो इसका पांच साल का निचला स्तर है. हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 2.92 प्रतिशत हो गई.
चौथाई फीसदी से ज्यादा कटौती की जरूरत-रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली एमपीसी की तीन दिन की बैठक चार जून से शुरू होगी. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी हालिया शोध रिपोर्ट में कहा था कि रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में अधिक बड़ी कटौती करनी होगी, 0.25 फीसदी से अधिक, जिससे अर्थव्यवस्था में सुस्ती को रोका जा सके.
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती को जारी रखना होगा. उपभोक्ता सामान खंड में उत्पादन और बिक्री में कमी को दूर करने की जरूरत है. यात्री कारों, दोपहिया और गैर टिकाऊ सामान क्षेत्र में बिक्री में वृद्धि की जरूरत है.