राशन वितरण /एक देश एक कार्ड लागू करने के लिए राज्यों के पास 30 जून 2020 तक का वक्त: पासवान

केंद्र की इस योजना के मुताबिक, अब एक ही कार्ड पर देशभर में राशन मिलेगा, दूसरे राज्यों में नौकरी करने वाले लोगों को योजना का सबसे ज्यादा फायदा होगा, कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा, राशन वितरण में चोरी और धांधली रुकेगी

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नई दिल्ली. मोदी सरकार ने एक देश एक कार्ड लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अगले साल 30 जून तक का वक्त दिया है। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि योजना शुरू होने के बाद कार्ड से देशभर में किसी भी पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) दुकान से राशन खरीदा जा सकेगा। योजना का ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं। सरकार ने काम में तेजी लाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है।

दुकानों पर पीओएस मशीनों की जरूरी होगी

इस योजना को लेकर पासवान ने गुरुवार को खाद्य सचिव और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। पासवान ने बताया कि एक देश एक कार्ड को मूर्तरूप देने के लिए पीडीएस दुकानों पर पॉइन्ट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की जरूरी होगी।

कार्ड को आधार से जोड़ा जाएगा, भ्रष्टाचार घटेगा

फिलहाल आंध्र प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में 100% दुकानों पर पीओएस मशीनें उपलब्ध हैं। सभी दुकानों पर पीओएस उपलब्ध होने से दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी। राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ने पर चोरी और धांधली में कमी आएगी।

अभी इन राज्यों में लागू है आईएमपीडीएस

मंत्रालय के मुताबिक, इंटीग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पीडीएस (आईएमपीडीएस) के तहत कई राज्यों में खाद्य और सार्वजनिक वितरण के तहत लाभार्थी किसी भी जिले से राशन खरीद सकते हैं। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं।

पीडीएस 81 करोड़ लोगों की लाइफलाइन

सरकार ने कहा है कि अन्य राज्यों ने भी जल्द ही आईएमपीडीएस व्यवस्था को लागू करने का भरोसा दिया है। बैठक में पासवान ने कहा था कि देश में खाद्य और सार्वजनिक वितरण 81 करोड़ लाभार्थियों की लाइफलाइन है।

देश में अभी ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात चल ही रही है कि इस बीच मोदी सरकार ने ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ लाने की तैयारी शुरू कर दी है. उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बताया है कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है.

राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी

पासवान ने कहा कि राशन कार्डों की देश भर में पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लाभार्थ‍ियों खासकर प्रवासी लोगों को देश में कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का राशन मिल सके.

केंद्रीय मंत्री पासवान ने गुरुवार को राज्यों के खाद्य सचिवों और सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. ऑल इंडिया रेडिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि पीडीएस के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट के तहत राशन कार्डों की एक सेंट्रल रिपॉजिटरी (केंद्रीय संग्रह केंद्र) बनाई जाएगी, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर दोहरीकरण से बचा जा सके.

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के राज्य मंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने राज्यों से आग्रह किया कि वे राशन कार्डों के डिजिटाजेशन पर काम करें.

कैसे काम करेगी नई व्यवस्था

इस नई व्यवस्था के बूते आप देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. यही नहीं, इसके बूते फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी. दरअसल, सरकार की तैयारी है कि आधार कार्ड की तर्ज पर हर एक राशन कार्ड को एक विशिष्ट (यूनिक) पहचान नंबर दिया जाएगा. इससे फर्जी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा.

इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी, जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत (इंटेग्रेटेड) सिस्टम बनाया जाएगा. इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा. इसके बन जाने के बाद अगर देश में कहीं भी कोई अगर फर्जी राशन कार्ड बनवाने की कोशिश करेगा, तो इस सिस्टम के जरिये से पता चल जाएगा. इसके बाद अगर कोई नया राशन कार्ड बनवाने जाता है, तो वह ऐसा कर नहीं पाएगा.

इस ऑनलाइन सिस्टम का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि कोई भी लाभार्थी देश के किसी हिस्से में और किसी भी राशन की दुकान पर सब्सिडी वाला अनाज ले सकेंगे. एक बार यह ऑनलाइन नेटवर्क तैयार हो गया, तो दूसरे राज्यों में नौकरी के सिलसिले में गए लोगों को कहीं से भी राशन लेने की सुविधा मिल जाएगी. इससे काफी बड़े स्तर पर लोगों को फायदा मिलेगा.

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