राज्य सभा से POCSO संशोधन बिल पास, TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा- 13 साल की उम्र में मेरे साथ हुआ था यौन शोषण

POCSO संशोधन विधेयक राज्यसभा से पास हो गया. इस बिल पर चर्चा के दौरान महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मौजूदा विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा और ‘दुर्लभतम मामलों’ में फांसी की सजा तक का प्रावधान किया गया है.

नई दिल्ली: राज्यसभा से लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (POCSO) संशोधन विधेयक, 2019 पारित हो गया. इस बिल का सभी दलों ने समर्थन किया. अब बिल को लोकसभा में भेजा जाएगा. बिल में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में फांसी की सजा का भी प्रावधान किया गया है.

 

संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा कि जब वे 13 साल के थे तब उनके साथ बस में यौन शोषण किया गया था. टीएमसी सांसद ने बिल का समर्थन करते हुए कहा, ”जब मैं 13 साल का था, तब टेनिस प्रैक्टिस के बाद एक भीड़ से भरी बस में जाकर बैठा, उस वक्त मैंने हाफ पेंट और टी शर्ट पहन रखी थी. मुझे नहीं पता कि वो कौन था लेकिन तब मेरा यौन उत्पीड़न हुआ था.”

 

उन्होंने 13 साल की आयु में हुए यौन अपराध की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि इस बात को उन्होंने अब 58 वर्ष की आयु में सार्वजनिक तौर पर कहा है. उन्होंने कहा कि समाज में अब पुरुषों को भी इस तरह की घटनाओं का उल्लेख करने में संकोच नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित किया गया है ताकि ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सके.

 

टीमएमसी सांसद ने कहा, ”मैंने तब माता-पिता को नहीं बताया. हमें लोगों तक पहुंचने के लिए इस मंच का उपयोग करने की जरूरत है. जितना अधिक लोग इसके बारे में बात करेंगे, उतने ही बच्चे बचाए जा सकते हैं. हमें इस जघन्य अपराध को रोकने की दिशा में काम करना होगा.”

उच्च सदन में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केन्द्र सरकार ने 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने को मंजूरी दी है.

 

उन्होंने कहा कि अभी तक 18 राज्यों ने ऐसी अदालतों की स्थापना के लिए सहमति जतायी है. ईरानी ने कहा कि 1023 विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन के लिए कुल 767 करोड़ रूपये का खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें से केन्द्र 474 करोड़ रूपये का योगदान देगा.

 

ईरानी ने कहा कि सरकार अपनी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से इस बात को प्रोत्साहन दे रही है कि बच्चे अपने विरूद्ध होने वाले यौन अपराधों के बारे में निडर होकर शिकायत कर सकें और अपने अभिभावकों को बता सकें. उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आता है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों की शिकायत तो की जाती है किंतु लड़कों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में शिकायत नहीं की जाती.

 

नए कानून में क्या हैं प्रावधान?
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ने कहा कि मौजूदा विधेयक में बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में 20 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा तथा ‘दुर्लभतम मामलों’ में फांसी का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि मूल कानून के अनुसार, बाल यौन अपराधों की प्राथमिकी दर्ज होने के दो माह के भीतर जांच पूरी करने और एक वर्ष के भीतर मुकदमा पूरा करने का प्रावधान है.

 

ईरानी ने कहा कि सरकार ने यौन अपराधों का एक राष्ट्रीय डाटा बेस तैयार किया है. ऐसे 6,20,000 अपराधी हैं. यदि कोई ऐसे व्यक्तियों को रोजगार पर रखता है तो संबंधित व्यक्ति के बारे में इससे जानकारी लेने में मदद मिलेगी.

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