कोरिया / राजनाथ ने कहा- इतिहास गवाह है भारत ने किसी पर हमला नहीं किया, अपनी सुरक्षा से भी नहीं हिचकेंगे

राजनाथ ने कहा- सम्मान, संवाद, शांति, सहयोग और समृद्धि इन 5 सिद्धांतों पर काम करें, तो कामयाबी निश्चित रक्षा मंत्री ने कहा- सौहार्द के लिए काम करने वाले देशों को सभी मुल्कों के समुद्री और हवाई क्षेत्रों में जाने का हक हो

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सियोल. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में कहा कि भारत ने इतिहास में कभी भी किसी देश पर हमला नहीं किया, लेकिन हम अपनी सुरक्षा में  मजबूत कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे। हमारा मकसद देश की सुरक्षा को हर हाल में मजबूत करना है। भारत की रक्षा कूटनीति इस रणनीति का मुख्य स्तंभ है। यह बात उन्होंने सियोल डिफेंस डायलॉग के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कही।

राजनाथ ने भारत में सदियों से प्रचलित 5 सिद्धांतो का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सम्मान, संवाद, शांति, सहयोग और समृद्धि के विचारों पर काम करें, तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जो देश आपसी सौहार्द के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें हर मुल्क में जाने का मौका मुहैया कराना चाहिए। साथ ही समुद्री और हवाई क्षेत्र में पहुंचने का समान अधिकार देना चाहिए। भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक खुले और समावेशी ढांचागत विकास की वकालत करता हैं।’’

‘अपने पड़ोसियों को प्रमुखता दे रहा’
रक्षा मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति के तहत भारत के पड़ोसी देशों को तरजीह दी जा रही है। भारत इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए), बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टीसेक्टोरल टेक्नीकल इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिमस्टेक) में शामिल देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है।

‘भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक संबंध’
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों पर राजनाथ ने कहा कि बौद्ध धर्म का उदय भारत में हुआ और बाद में यह दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में फैला। करीब 2000 साल पहले बौद्ध धर्म कोरिया पहुंचा। भारत और दक्षिण कोरिया में पारिवारिक संबंध भी है। रानी हेयो ह्वांग-ओक अयोध्या से यात्रा कर गिम्हे के राजा सूरो से विवाह करने पहुंची थीं।

कोरिया के शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी
राजनाथ कल दक्षिण कोरिया पहुंचे थे। उन्होंने कोरियाई प्रधानमंत्री ली नाक-योन से द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।  राजनाथ गुरुवार को सियोल में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय स्मारक पर कोरियाई शहीदों को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे।

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