पंजाब-कर्फ्यू के दौरान माँ बाप से फीस मांगने वाले बठिंडा के सेंट जेवियर स्कूल समेत 38 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस

नोटिस में संतोषजनक जबाव नहीं दिया तो इन सभी स्कूलो की होगी मान्यता रद्द वही एनओसी भी करवाई जाएगी सेस्पेंड

  • -हालात सामान्य होने तक नए दाखिलों के लिए अभिभावकों को फीस भरने के लिए एक महीने का समय देंगे सभी स्कूल: सिंगला
  • कैबिनेट मंत्री की तरफ से स्कूलों को लाकडाऊन खत्म होने तक बसों का किराया और किताबों का ख़र्च भी न वसूलने की हिदायतें

बठिंडा. पंजाब सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों को सख्त हिदायतें दी थी कि वह लाकडाउन व कर्फ्यू के दौरान किसी भी बच्चे से दाखिला व फीस की वसूली नहीं करेंगे। इसके बावजूद कई स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को लगातार मैसेज भेज रहे हैं व उन्हें आनलाइन फीस जमा करवाने के लिए कह रहे हैं। इस कारगुजारी को राज्य के शिक्षा मंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया व शिक्षा विभाग ने इन तमाम स्कूलों को कारण बताओं नोटिस जारी कर कहा कि क्यों न इन स्कूलों पर हिदायतों की अवहेलना करने पर मान्यता रद्द करने की कारर्वाई की जाए।

  • कर्फ्यू के दौरान जहां लोगों के कामकाज बंद है व आय का कोई साधन नहीं है ऐसे में बठिंडा के सेंट जेवियर स्कूल समेत प्रदेश के 38 स्कूलों को शिक्षा विभाग की तरफ से बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया हैं। इस बाबत जानकारी देते शिक्षा मंत्री पंजाब  विजय इंद्र सिंगला ने बताया कि सरकार की हिदायतें का उल्लंघन करने वाले स्कूलों को पहले कारण बताओ नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है और यदि यह स्कूल तसल्लीबख्स जवाब देने से असमर्थ रहे तो इनकी मान्यता या इतराजहीनता सर्टिफिकेट (एन.ओ.सी.) रद्द कर दी जाएगी। सरकार इस मामले में किसी भी तरह की राहत देने के मूड में नहीं है व मामले में बिना किसी देरी के सख्त कारर्वाई होगी।

कैबिनेट मंत्री ने हिदायत दी कि लाकडाऊन खत्म होने तक स्कूलों की तरफ से अगले अकादमिक साल के लिए बसों के किराया और किताबों का खर्च न वसूला जाए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों के इलावा यदि कोई ओर स्कूल भी कर्फ़्यू दौरान फीस की माँग करता है तो विद्यार्थी या उनके माता पिता अपनी शिकायत सीधा उनकी ई -मेल, vijayindersingla@gmail.com पर भेज सकते हैं।

  • श्री विजय इंद्र सिंगला ने बताया कि कोरोनावायरस के हमले से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है जिस करके हालात आम होने तक पंजाब के सभी स्कूलों को दाख़िला और फ़ीसों लेने से मनाही के हुक्म जारी किये गए थे। उन्होंने कहा कि परन्तु कुछ प्राईवेट स्कूलों की तरफ से इन हिदायतें की उल्लंघन करके अलग -अलग माध्यम से माँ बाप को फीस भरने के लिए संदेश भेजे जा रहे थे।
  • कैबिनेट मंत्री ने बताया कि 23 मार्च 2020 को शिक्षा विभाग की तरफ से सभी ग़ैरसरकारी शैक्षिक संस्थायों को हिदायत की गई थी कि साल 2020 -21 के लिए दाख़िलों की अंतिम तारीख़ को दोबारा निश्चित किया जाये और हालात सुधरने उपरांत फीस भरने के लिए एक महीने का समय ज़रूर उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि इन हुक्मों के माध्यम से ही लाकडाऊन लागू रहने तक कोई जुर्माना या लेट फीस लगाने से मनाही की गई थी।

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