संगरूर। पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से हरियाणा बार्डर पर रोके जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने खनौरी रोड पर ही धरना लगा दिया है। भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने एलान किया कि किसान नाके नहीं तोड़ेंगे। हिंसक रूप धारण करके संघर्ष करना उनके संगठन की विचारधारा नहीं है। किसानों ने खनौरी में ही धरना लगा दिया है। यहां करीब 20 हजार किसान जुट गए हैं।
सात दिन के बाद प्रांतीय कमेटी अगले संघर्ष की रूपरेखा का एलान करेगी। किसान नेताओं ने कहा कि वे तब तक हरियाणा के भीतर दाखिल नहीं होंगे, जब तक हरियाणा पुलिस खुद सील किए रास्तों को नहीं खोलेगी। शंभू बार्डर पर से किसानों के हरियाणा में दाखिल होने पर उन्होंने कहा कि अन्य किसान संगठनों की अपनी रणनीति व अपनी विचारधारा हैं।
उगराहां ने कहा कि सात दिन के धरने के लिए पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है। वालंटियरों की ड्यूटी लगाई जा रही हैं। धरने में महिलाओं के रहने, शौचालय, पुरुषों के लिए प्रबंध, लंगर, बिजली, दवाईयों का प्रबंध करेंगे। यूनियन अपने साथ चार माह का राशन लेकर पहुंची है। अगर यहां पर कई माह तक मोर्चा लगाना पड़ा तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे केद्र की मोदी सरकार को कानून वापस लेने के लिए विवश किया जाएगा।
खनौरी में अब तक 20 हजार किसान पहुंचे
खनौरी में अब तक 20 हजार के करीब किसान पहुंच चुके हैं। मंच पर भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां, सूफी गायक कंवर ग्रेवाल, हर्फ चीमा, जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढुआं, मनजीत नियाल जिला प्रधान मौजूद थे। भाकियू उगराहां का अभी तक यही फैसला है कि किसान धक्केशाही नहीं करेंगे, बल्कि यहीं पर धरने को आगे बढ़ाएंगे, बाकी प्रांतीय कमेटी की बैठक में अगला फैसला लिया जाएगा।