पटियाला । पंजाब में खेताें में पराली जलाने की घटनाएं पिछले दो वर्षो की तुलना में इस बार चार गुना तेजी से बढ़ रही हैं। इस साल 21 सितंबर को पराली को आग लगाने का पहला मामला सामने आया था। 9 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1926 मामले हो चुके हैं। वहीं, 2018 में 9 अक्टूबर तक 400 और 2019 में 461 मामले ही सामने आए थे। इस बार राज्य में पराली जलाने के सबसे अधिक 920 मामले अमृतसर जिले में सामने आए हैं। 405 मामलों के साथ तरनतारन दूसरे स्थान पर है। पटियाला में पराली जलाने के 153 मामले अब तक सामने आ चुके हैं। अब तक पराली जलाने वाले 460 किसानों को 12.25 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है।
इस साल 21 सितंबर को पहला मामला आया था सामने, 9 अक्टूबर तक सामने आ चुके हैं 1926 मामले
20 दिन में अमृतसर में पराली जलाने के 920 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल पूरे सीजन में पराली जलाने के कुल 1510 मामले ही सामने आए थे।
जिलावार पराली जलाने के मामले
जिला 2019 2020
अमृतसर 266 920
बरनाला 02 05
बठिंडा 03 04
फरीदकोट 01 16
फतेहगढ़ साहिब 01 28
फजिल्का 01 02
फिरोजपुर 08 50
गुरदासपुर 16 102
होशियारपुर 02 06
जालंधर 03 29
कपूरथला 09 38
लुधियाना 06 59
मानसा 06 03
मोगा 05 11
मुक्तसर 02 01
पटियाला 22 153
रोपड़ 06 07
संगरूर 09 49
मोहाली 11 28
नवांशहर 03 10
तरनतारन 79 405
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कुल 461 1926
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मुआवजा न मिलना भी एक कारण
सरकार ने पिछले साल पराली नहीं जलाने वाले किसानों को मुआवजा देने का एलान किया था। बड़ी संख्या में किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इस बार किसान इस बार पराली के निपटारे के लिए कदम नहीं उठा रहे।
प्रदूषण भी बढ़ा
पराली जलाने के मामले बढ़ने से इस साल एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) भी बिगड़ा है। पिछले साल 10 अक्टूबर तक एक्यूआइ संतोषजनक था लेकिन इस बार माड्रेट कैटेगिरी में है।
शहर एक्यूआइ 2018 2019
अमृतसर 66 167
जालंधर 51 158
लुधियाना 80 100
पटियाला 98 110
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कुछ अन्य मामले भी आए सामने
पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव करुणेश गर्ग का कहना है कि पराली जलाने के रिपोर्ट हुए 1926 मामलों की जांच में पाया गया कि कई मामले पराली जलाने के नहीं हैं। कई जगह कूड़े व अन्य जगह आग लगाई गई थी। इस बार आठ हजार नोडल अफसर तैनात किए हैं।