बठिंडा में हक की मांग:बुटीक पर कब्जे के खिलाफ पेट्रोल लेकर 120 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ दंपति आत्मदाह की धमकी दे रहा था, 32 घंटे की मशक्कत के बाद उतारा

आरोप-केस हाईकोर्ट में चल रहे होने के बावजूद कब्जा करने और लाखों का सामान उठाने पर पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की जांच कर रहे डीएसपी के अनुसार उक्त दुकान के मामले में एक भाई एडिशनल सेशन कोर्ट से केस जीत चुका है

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बठिंडा में एक दंपति पेट्रोल की बोतल लेकर डेढ़ दिन से पानी की टंकी पर चढ़ गया। बुधवार सुबह करीब 7 बजे टंकी पर चढ़े इस दंपति को आखिर 32 घंटे बाद दोपहर 3 बजे नीचे उतरने को राजी किया जा सका। दंपति का आरोप है कि इनके एक बुटीक पर कब्जा कर लिया गया है और पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। हालांकि पुलिस का कहना है कि दूसरे पक्ष ने कोर्ट से केस जीतकर कब्जा लिया है, दूसरी तरफ इनके बयान पर भी दूसरे पक्ष पर केस दर्ज कर लिया गया।

मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित दंपत्ति परमिंदर कौर व उनके पति मंदीप सिंह पिछले करीब 20 साल से अजीत रोड पर बुटीक रहे हैं। दुकान को लेकर परिजनों में ही डिस्पयूट होने के बाद पिछले बुधवार को संचालिका परमिंदर कौर बुटीक खोलने पहुंची तो दुकान पर पहले ही दूसरा पक्ष काबिज था और दुकान का लाखों का सामान व मशीनें भी दुकान में नहीं थीं।

टंकी के पास रातभर बैठे रहे प्रदर्शनकारी दंपति के परिवार के लोग।
टंकी के पास रातभर बैठे रहे प्रदर्शनकारी दंपति के परिवार के लोग।

परिवार के अनुसार दुकान का केस हाईकोर्ट में होने व पंचायत का फैसला होने के बावजूद कब्जा करने व लाखों का सामान व मशीनें उठाने पर पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की ताे बुधवार सुबह परमिंदर कौर व मंदीप सिंह पेट्रोल लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। वहीं उनके परिजन टंकी के नीचे व पुलिस स्टेशन के समक्ष भी नारेबाजी करते रहे। पीड़ित महिला के अनुसार उनके साथ कब्जाधारियों ने बुरी तरह मारपीट भी की।

परिवार ने एसएसपी से लगाई इंसाफ की गुहार
बुटीक संचालिका परमिंदर कौर की लिखित शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस जांच के लिए मौके पर भी पहुंची थी। परिवार के अनुसार पुलिस ने उसे इंसाफ दिलाने की बजाय दूसरे पक्ष का साथ दिया व दुकान में ताला लगवाकर चले गए। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करने के विरोध में परमिंदर व उसके परिजनों सुबह पानी की टंकी पर चढ़े थे गुरुवार दोपहर तक भी दंपति टंकी पर ही बैठे थे, जिनसे पुलिस सहयोग देने की अपील कर रही थी। यहां तक कि तहसीलदार भी मौके पर आकर मान-मनौव्वल की कोशिश कर चुके थे। आखिर 3 बजे जाकर दंपति को नीचे उतारा गया, तब कहीं प्रशासन की सांस में सांस आई।

इंसाफ के लिए कोर्ट जाएं, पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर सकती
उधर, इससे पहले एसएसपी भूपेंद्रजीत सिंह विर्क का कहना था कि केस की जांच कर रहे डीएसपी के अनुसार उक्त दुकान के मामले में एक भाई एडिशनल सेशन कोर्ट से केस जीत चुका है और उसने अपना कब्जा ले लिया ऐसे में दूसरे पक्ष को कोर्ट में जाना चाहिए। पुलिस दूसरे भाई को कह चुकी है कि वह कानूनी राय ले आर इसमें कोर्ट के नियम अनुसार कब्जा ले। राजनीतिक शह की इसमें कोई बात नहीं है।

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