चंडीगढ़। कोरोना की महामारी के साये में शुक्रवार को पंजाब विधानसभा का मॉनसून सत्र आयोजित हुआ। इस एक दिवसीय सत्र में कुल 117 में से 52 मंत्री-विधायक ही शामिल हुए, जिनकी मौजूदगी में आज 7 अहम प्रस्ताव पास हुए। सबसे अहम मसला केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि अध्यादेशों का था, जिसके विरोध में प्रस्ताव पास हुआ। इस मसले पर सत्तापक्ष और विपक्ष एकजुट दिखाई दिए, वहीं पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवा व लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने मामले की जांच आरोपी मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।
सत्र शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर में जाने से रोक लिया गया, जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन किया। विधायक मीत हेयर ने कहा, जिन विधायकों की रिपोर्ट निगेटिव है, उन्हें क्यों रोका जा रहा है। सरकार चाहे तो दोबारा टेस्ट करवा ले। पांच मिनट से कम समय लगता है, लेकिन विधायकों को विधानसभा में जाने दिया जाए। विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि आप विधायकों को सदन में आने से इसलिए रोका गया कि कुछ के ड्राइवर आइसोलेशन में हैं तो सरबजीत कौर माणूके के पति ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया। इसे लेकर आप के विधायकों ने नारेबाजी भी की।
Chief Minister @capt_amarinder Singh led the Vidhan Sabha in paying tribute to 28 eminent personalities, including freedom fighters, Galwan valley martyrs, political personalities besides Unsung Covid warriors, who had passed away since the last session of the Assembly. pic.twitter.com/hftLr3JVBQ
— CMO Punjab (@CMOPb) August 28, 2020
सुबह सदन शुरू होते ही सबसे पहले कोरोना संक्रमण से मारे गए और सरहद पर शहीद हुए जवानों के अलावा विभिन्न कारणों से जीवन का सफर पूरा गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि अध्यादेश और पावर अमेंडमेंट बिल के विरोध का प्रस्ताव पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी और एमएसपी पंजाब की जान है। केंद्र सरकार एमएसपी को खत्म करने जा रही है। जब मंडियां खत्म हो जाएंगी तो किसान कहां जाएगा। इस प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी लोक इंसाफ पार्टी ने जहां समर्थन किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया। कैप्टन ने कहा कि जो पार्टी आनंदपुर साहिब प्रस्ताव लाई थी, आज वही पार्टी संघीय ढांचे के खिलाफ है।
श्री गुरु तेग बहादुर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पेश किया गया, जिसे सदन ने पास कर दिया। आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि नई यूनिवर्सिटी खोली जानी चाहिए, लेकिन जो पुरानी यूनिवर्सिटी चल रही है, उसकी वित्तीय सुरक्षा भी पंजाब सरकार को करनी चाहिए। पंजाब कैदियों अच्छे आचरण (अस्थाई रिहाई) संशोधन बिल 2020 भी सदन सदन में पास कर दिया गया। वहीं वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जब तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं, तब तक पंजाब में किसानों को मिलने वाली फ्री बिजली बंद नहीं की जाएगी।
विपक्ष ने की थी सत्तापक्ष को घेरने की ये तैयारी
उधर, अनिश्चितता के दौर में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी की थी। विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार को सदन की अवधि को बढ़ाना चाहिए, क्योंकि राज्य के कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होना जरूरी है। सरकार विपक्ष से घबरा रही है। वहीं, अकाली दल के नेता शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। सरकार की साजिश है कि विपक्ष सदन से बाहर ही रहे।