पंजाब के अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए कैप्टन ने केंद्र से मांगे 500 करोड़, देशभर में कम से कम 15 दिन लॉकडाउन की सिफारिश की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देश के अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह वीडियाे कॉन्फ्रेंसिंग में दिया अमरिंदर सिंह ने सुझाव औद्योगिक कामगारों को वेतन या एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र से ईएसआईसी, मनरेगा के अधीन फंड मांगा श्रम और रोजग़ार (स्वतंत्र प्रभार) केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार को लिखा सीएम ने पत्र, केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 मार्च को जारी निर्देशों की सराहना की

जालंधर/चंडीगढ़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक चल रही है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उद्योग और कृषि क्षेत्रों के लिए विशेष रियायतों के अलावा कम से कम एक पखवाड़े (15 दिन) तक देशभर में लॉकडाउन की सिफारिश की है, साथ ही उन्होंने रैपिड टेस्टिंग किट की भी मांग की। दरअसल, कैप्टन कैबिनेट के साथ चर्चा करके कल ही कर्फ्यू को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। इस दौरान प्रदेश के अस्पतालों की हालत सुधारने के लिए 500 करोड़ की आर्थिक मदद की भी मांग की।

पंजाब सरकार ने अपनी तैयारियों के बारे में भी बताया
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 52 एकांतवास अस्पताल स्थापित किये जा चुके हैं और राज्य में महामारी से निपटने के लिए तीन चरणीय माडल विकसित किया गया है। इस माडल में पहले चरण में 20 स्वतंत्र कोविड एकांतवास स्थानों पर 2558 बिस्तरों का प्रस्ताव है। दूसरे चरण के लिए राज्य ने मानवीय शक्ति सहित 1600 बिस्तरों के अलावा 1000 अतिरिक्त और सरकारी स्थानों पर 1000 बिस्तरों की पहचान की है। इनको तब चालू किया जायेगा जब पहले चरण का 50 प्रतिशत पूरा हो जाता है।

केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा

इससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कर्फ्यू/लॉकडाउन के समय के दौरान औद्योगिक कामगारों को वेतन या एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए ईएसआईसी, मनरेगा के अधीन फंडों के साथ-साथ केंद्र की तरफ से जारी किए ऐसे अन्य फंड इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में श्रम और रोजग़ार (स्वतंत्र प्रभार) संबंधी केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखा है। कैप्टन ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 29 मार्च को जारी निर्देशों की सराहना करते हैं, जिसमें यह कहा गया है कि काम देने वाले सभी मालिक चाहे वह उद्योग के मालिक हों या दुकानों और व्यापारिक अदारों के, उनको बिना किसी कटौती के निर्धारित तारीख़ को अपने मज़दूरों/कामगारों को वेतन देना चाहिए। हालांकि पंजाब का औद्योगिक सेक्टर जिसमें बड़े स्तर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमईज़) शामिल हैं, के लिए इन निर्देशों को लागू करना असंभव हुआ पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र पहले ही बहुत दबाव और स्रोतों की कमी के दौर में से गुजऱ रहा है। इस स्थिति में ऐसा कोई फ़ैसला न सिर्फ मुश्किलों को और बढ़ा देगा बल्कि कई औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का कारण भी बन सकता है जो कि इस लॉकडाउन का वास्तविक मनोरथ नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार कामगारों संबंधी आंकड़ों पर आधारित कोई भी जानकारी के संबंध में पूरा सहयोग देगी जो मंत्रालय को ज़रूरी होंगे और कामगारों को मुआवज़ा देने पर मदद करने के लिए कुछ अलग रास्ता अपनाएगी।

ब्वायलर इकाइयों की स्वीकृति की समय सीमा 30 जून तक बढ़ी
ब्वायलर प्रयोक्ताओं को राहत देने के लिए पंजाब सरकार ने ब्वायलर को चलाने, रिपेयर करने, उत्पादन करने के लिए स्वीकृति की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत जिन ब्वायलर इकाइयों की समय सीमा 15 मार्च 2020 तक या इसके बाद तक थी, इसे 30 जून, 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा ने बताया कि जिन स्वीकृतियों के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन जमा करवाए गए हैं और जहां लॉकडाउन/कर्फ्यू के कारण ब्वायलर की जांच नहीं की जा सकती, की समय सीमा भी 30 जून, 2020 तक बढ़ा दी गई है।

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