पंजाब सरकार ने सूबे में कोरोना मरीजाें का इलाज करने वाले निजी अस्पतालाें के लिए फीस तय कर दी है। लेकिन यह फीस आम जनता की पहंुच से बाहर है। इससे सरकारी अस्पतालों पर भार और बढ़ेगा। सूबे के प्राइवेट मेडिकल काॅलेज जो कि नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फाॅर हास्पिटल (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त हैं।
ऐसे अस्पताल में मरीज जिन्हें आइसोलेशन बेड के साथ ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत हैं उन्हें प्रति दिन के हिसाब से 10 हजार रुपए चुकाने होंगे। वहीं, एनएबीएच वाले मेडिकल काॅलेज जिसमें पीजी या डीएनबी कोर्स शामिल नहीं है के अस्पतालों में 9 हजार और गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 8 हजार रुपए प्रति दिन के चुकाने होंगे। सरकार ने निजी अस्पतालों की फीस डॉक्टर केके तलवार कमेटी से सलाह करने के बाद तय की गई है। इस फीस में आईसीयू, एडमिशन फीस और इलाज के दौरान आने वाला खर्च शामिल है। निजी अस्पतालों से प्रति दिन 50 हजार तक वसूले जाने की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।
रेट तो तय, लेकिन इलाज आम आदमी से बाहर
6500 रुपए फीस बुखार पर
- एनएबीएच के निजी अस्पताल में बुखार पर आइसोलेशन बेड विद ऑक्सीजन सपोर्ट को 6500 रुपए राेज देने होंगे।
- पीजी या डीएनबी कोर्स नहीं करवाने वाले मेडिकल काॅलेज में 5500 रुपए।
- एनएबीएच से बिना मान्यता प्राप्त वाले अस्पतालों में 4500 रुपए चुकाने होंगे।
10 हजार रु. ऑक्सीजन सपोर्ट पर
- एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट के राेज 10 हजार रुपए।
- एनएबीएच वाले अस्पतालों में 9 हजार रुपए चुकाने पड़ेंगे।
- एनएबीएच से बिना मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 8 हजार रुपए देने होंगे।
15 हजार रुपए आईसीयू के लिए
- वेंटिलेटर की जरूरत के बिना आईसीयू में भर्ती किया जाता है तो एनएबीएच अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट को 15 हजार रुपए चुकाने होंगे।
- एनएबीएच वाले मेडिकल काॅलेज में 14 हजार रुपए देने होंगे।
- एनएबीएच के बिना अस्पतालों में 13 हजार रुपए प्रति दिन के चुकाने होंगे।
- नाजुक स्थिति वाले मरीजों के लिए यह दरें 18 हजार, 16500 और 15 हजार निर्धारित की गई हैं। इन रेट में पीपीई किट्स के रेट शामिल नहीं किए गए है।
2500 रुपए टेस्ट फीस
- निजी अस्पतालों में काेराेना टेस्ट के लिए 2500 रुपए देने हाेंगे।
लोग आयुष्मान भारत सरबत बीमा योजना के तहत कराएं इलाज
कोई भी व्यक्ति इलाज सरकारी अस्पताल में करवा सकता है। वहां बेहतर सुविधाएं हैं। जिसके पास आयुष्मान भारत सरबत बीमा योजना का कार्ड है वह अपना इलाज निजी अस्पतालों में करवा सकता है। सरकार उन अस्पतालों में जिन्होंने सरकार से जमीन ली है वहां कुछ बेड्स रिजर्व हैं। सरकार जरूरत पड़ने पर गरीबों का इलाज वहां पर करवा सकती है। -बलबीर सिद्धू, स्वास्थ्य मंत्री