मोगा। यहां केे नजदीकी गांव खोसा कोटला की एक सीड फैक्टरी में सीरेे के टैंक मेंं गैस रिसने से तीन मजदूरों की मौत हो गई। मरने वालों में दो सगे भाई थे दोनों ही अविवाहित थे। तीसरा तीन बच्चों का पिता बताया जा रहा है।
मोगा के चक्की वाली गली निवासी संजीव कुमार की कोट ईसे खां के गांव खोसा कोटला में सीड फैक्टरी है। सीड में सीरा मिलाया जाता है। इसके लिए फैक्टरी में टैंक बने हुए हैं। फैक्टरी इन दिनों बंद थी। चार-पांच मजदूर फैक्टरी में सफाई का काम कर रहे थे। तीन मजदूरों को सीरा के टैंक में बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के उतार दिया गया।
फैक्टरी कई दिनों से बंद होने के कारण उसमें गैस काफी मात्रा में एकत्र हो गई थी। जैसे ही मजदूर टैंक के अंदर पहुंचे उनका दम घुटने लगा वह आवाज भी नहीं दे पाए। काफी देर तक जब टैंक में उतरे मजदूरों की कोई हलचल सुनाई नहीं दी तो कुछ और मजदूरों ने उन्हें पता करने की कोशिश की। देखा तीनों बेहोश पड़े हैं। आनन-फानन में साथी मजदूरों ने इसकी सूचना फैक्टरी मालिक को दी।
फैक्टरी मालिक के पहुंचने पर तीनों को टैंक से बाहर निकाला गया तब तक उनकी सांसें थम चुकी थी। इस बात की सूचना मिलते ही एसपीडी हरिंदर पाल सिंह, डीएसपी धर्मकोट एवं थाना कोट ईसे खां पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई थी। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में ले लिया है। मरने वालों में सुरजीत सिंह उर्फ भलवान पुत्र पाला सिंह निवासी गांव नसीरपुर जानिया तथा दो भाई सतनाम सिंह व जसप्रीत सिंह पुत्र जोगिंदर सिंह गांव खोसा कोटला शामिल हैं।
मजदूरों का कहना है तीन महीने पहले भी यहां पर बिना सुरक्षा उपकरण के मजदूरों को टैंक में उतारे जाने पर वे बेहोश हो गए थे, लेकिन उस समय मजदूरों की जान बच गई थी। उस समय मजदूरों ने ही नहीं बल्कि गांव के सरपंच वीरपाल सिंह ने भी फैक्टरी मालिक को सचेत किया था कि ऐसे मामलों में लापरवाही न बरती जाए, लेकिन फैक्टरी मालिक ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। पुलिस ने फैक्टरी मालिक संजीव कुमार को हिरासत में ले लिया है।