लुधियाना। ऑल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम (एआइटीएफ) ने सर्वे कर यह खुलासा किया है कि पंजाब मेें हर साल बोगस बिलिंग के माध्यम से बारह हजार करोड़ की जीएसटी चोरी हो रही है। एआइटीएफ के प्रधान बदीश जिंदल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है कि जीएसटी की चोरी की जांच सीबीआइ से कराई जाए।
पत्र में जिंदल ने कहा कि कोरोना काल में जीएसटी कलेक्शन काफी गिर गई। इसे बढ़ाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कोशिशें कर रही हैं, जबकि दूसरी तरफ जीएसटी की चोरी भी गंभीर मुद्दा है। इस पर नकेल कसना जरूरी है। इसके लिए गहन जांच करा बोगस बिलिंग में शामिल लोगों का पर्दाफाश किया जाए। जिंदल ने कहा कि स्टडी में यह साफ हुआ है कि अप्रत्यक्ष कर की कलेक्शन में कमी आ रही है। इससे साफ है कि बिना बिल के माल एवं कम कीमत के बिलों पर माल की आवाजाही धड़ल्ले से हो रही है।
जिंदल ने कहा कि महाराष्ट्र में सूबे की जीडीपी का 6.9 फीसद जीएसटी कलेक्शन है। जोकि कर्नाटका में 4.82 फीसद, हरियाणा में 6.61 फीसद और राष्ट्रीय औसत 5.74 फीसद है। जबकि पंजाब में सूबे की जीडीपी 5.74 लाख करोड़ में जीएसटी कलेक्शन 15500 करोड़ है, जो कि जीडीपी का महज 2.69 करोड़ है। इससे पता चलता है कि पंजाब में जीएसटी कलेक्शन राष्ट्रीय औसत एवं अन्य राज्यों के मुकाबले काफी कम है।
उन्होंने कहा सूबे की कुल जीडीपी में 25 फीसद हिस्सेदारी कृषि की है। यदि जीडीपी कलेक्शन को 25 फीसद बढ़ा भी दिया जाए तो यह राष्ट्रीय औसत से फिर भी कम है। प्रेसिडेंट के अनुसार पंजाब ने जीएसटी कंपेनसेशन वर्ष 2018-19 में 13 फीसद, वर्ष 2019-20 में 11 फीसद लिया है, जबकि राष्ट्रीय औसत वर्ष 2018-19 में दो फीसद एवं वर्ष 2019-20 में 3 फीसद रहा। साफ है कि राष्ट्रीय औसत से अधिक कंपेनसेशन पंजाब ले रहा है।
जिंदल ने कहा कि सूबे में 2.7 मिलियन टन स्टील का उत्पादन होता है, जबकि 2.9 मिलियन टन स्टील की खपत सूबे में होती है। वहीं, इस सेक्टर से जीएसटी कलेक्शन औसत 3500 करोड़ होनी चाहिए, जबकि यह काफी कम है। जिंदल ने कहा कि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही कर की चोरी हो रही है। जिंदल ने कहा कि यदि इस मामले की गहन छानबीन कराई जाए तो सूबे में बोगस बिलिंग के नेटवर्क को खत्म किया जा सकता है।