बादल परिवार के करीबी कोलियांवाली का दिल्ली में निधन, एक साल से कैंसर से थे पीड़ित

कोलियांवाली बीते एक वर्ष से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। दयाल सिंह कोलियांवाली शिरोमणि कमेटी के मैंबर थे तथा बादल परिवार के बहुत ही नजदीकी माने जाते थे। चुनावों के दौरान भी उन्होंने अकाली दल के लिए चुनावों प्रचार किया था।

मलोट । शिरोमणि कमेटी के कार्यकारी मैंबर जत्थेदार दयाल सिंह कोलियांवाली का सोमवार को देहांत हो गया। सोमवार को दिल्ली में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। दयाल सिंह कोलियांवाली पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के चेयरमैन व गांव के सरपंच के ओहदे पर ही रह चुके हैं। कोलियांवाली के निधन पर हलका लंबी में शाेक की लहर है। अकाली दल सहित कई दलाें के नेताओं ने उनके निधन पर शाेक जताया है।

कोलियांवाली बीते एक वर्ष से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। दयाल सिंह कोलियांवाली शिरोमणि कमेटी के मैंबर थे तथा बादल परिवार के बहुत ही नजदीकी माने जाते थे। चुनावों के दौरान भी उन्होंने अकाली दल के लिए चुनावों प्रचार किया था। इसके अलावा अकाली दल की बैठकों में वह सक्रिय नेता के रुप में नजर आते थे। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल,  विधायक बिकम मजीठिया, अकाली नेता पवन टीनू सहित कई नेताओं ने काेलियांवाली के निधन पर शाेक जताया है।

पंजाब के दिग्गज नेता और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यकारी सदस्य जत्थेदार दयाल सिंह कोलियांवाली का निधन हो गया है। सोमवार सुबह उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। कोलियांवाली पिछले दो वर्ष से कैंसर से जूझ रहे थे।

सरपंच चुनाव जीतकर दयाल सिंह कोलियांवाली ने सियासत में कदम रखा था। पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के करीबी कोलियांवाली सियासत में रसूख रखने वाले नेताओं में से थे। कोलियांवाली पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन के चेयरमैन व शिअद के जिला अध्यक्ष भी रह चुके थे। साथ ही सर्विस इलेक्शन बोर्ड के सदस्य भी रह चुके थे। तीन बार वे एसजीपीसी के सदस्य रह चुके थे।

हालांकि उनका विवादों से भी नाता रहा है। मलोट खेतीबाड़ी विकास बैंक का करीब एक करोड़ का कर्ज न चुकाने पर वे विवादों में घिरे थे। उसके बाद उनका नाम पावरकॉम का हजारों रुपयों का बिल न भरने पर भी उछला था। नौकरी घोटाले के मामले में कोलियांवाली पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस विभाग की ओर से केस भी चला था।

2018 में इस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2019 में इस केस से उन्हें जमानत मिली थी। इससे पहले उनका और उनके पुत्र का नाम एक कत्ल केस से भी जुड़ा था। हालांकि इस केस से अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था।

शिअद कार्यकाल में नगर काउंसिल चुनाव दौरान भी उन पर धक्केशाही के आरोप लगते रहे हैं। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, सांसद हरसिमरत कौर बादल, विधायक कंवरजीत सिंह रोजी बरकंदी, मनजीत सिंह बरकंदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश गिरधर काला, मनजिंदर सिंह बिट्टू, बिंदर गोनियाना आदि नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

 

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