पटियाला। रोजगार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे कोविड वालंटियर्स को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर सीएम आवास से 500 मीटर दूर स्थित वाईपीएस चौक में ही रोक लिया। इस दौरान पुलिस और कोविड वालंटियर्स में हलकी धक्का मुक्की भी हुई। बता दें कि पिछले साल कोरोना काल के दौरान सेहत विभाग ने इन वालंटियर्स को कोविड केयर सेंटर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की देखभाल के लिए रखा गया था। अनलॉक के दौरान इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद से वालंटियर्स प्रदर्शन कर पिछले कई महीनों से दोबारा नौकरी दिए जाने की मांग की। बेरोजगारों ने वाईपीएस चौक में धरना लगाकर दो घंटे तक प्रदर्शन किया। इसके बाद अधिकारियों ने बेरोजगारों को 7 मई को सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू और प्रिंसिपल हेल्थ मिनिस्टर के साथ पैनल मीटिंग का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त करवाया।
इस मौके यूनियन के सूबा प्रधान राजविंदर सिंह ने बताया कि बेरोजगार कोरोना वालंटियर पिछले काफी महीनों से रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। 2 अप्रैल को मीटिंग में सांसद परनीत कौर ने सेहत मंत्री के साथ फोन पर बात करके उन्हें एडजस्ट किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद कोई रिसपोंस नहीं मिला। रोष स्वरूप उन्होंने सोमवार को सीएम आवास के घेराव का एलान किया था।
जनरल सेक्रेटरी चमकौर धुरी ने कहा कि मई, 2020 से सितंबर, 2020 तक राज्य भर में 1195 के करीब कोविड वालंटियर्स भर्ती किए गए थे। उन्हें पांच महीने बाद अनलॉक शुरू होने पर नौकरी से निकाल दिया गया था। इसके बाद से वे नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुश्किल समय में सेवाएं दी हैं, बावजूद इसके उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि स्टेट कमेटी ने यह फैसला लिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।