मोगा/संगरूर। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों का गुस्सा ठंडा नहीं हो रहा है। रेलवे ट्रेक पर सड़कों पर किसानों का धरने लगातार जारी हैं। वीरवार को मोगा में किसान संगठनों व कुछ वामपंथी छात्र आरएसएस कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कई रास्ते बंद कर दिए गए हैंं। यहां पर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त आरएसएस के प्रांत प्रचारक राम गोपाल भी रहते हैं। इसी को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
वहीं, संगरूर के रेलवे स्टेशन पर भारतीय किसान यूनियन राजेवाल, डकोंदा, सिद्धूपुर सहित अन्य किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन को लेकर दिए जा रहे धरने के दौरान वीरवार सुबह गांव भुल्लरहेड़ी (धूरी) के किसान लाभ सिंह की हृदयघात से मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि बुधवार रात्रि नौ बजे के बाद उक्त किसान अपने साथियों के साथ ही प्लेटफार्म नंबर-2 पर सो रहा था। सुबह जब बाकी किसान नींद से उठे तो लाभ सिंह नहीं उठा। साथी किसानों ने जब उसे उठाने का प्रयास किया तो वह मृत पाया गया। किसान नेता बलविंदर सिंह ने कहा कि लाभ सिंह की मौत हृदयघात से होने का अनुमान है। पोस्टमार्टम करवाया जाएगा, जिसके बाद मौत के असल कारणों का खुलासा होगा।
उधर, करीब सात दिन पहले धूरी-संगरूर रोड पर बेनड़ा के समीप पेट्रोल पंप पर धरने के दौरान किसान मेघऱाज सिंह नागरी की भी हृदयाघात से मौत हो गई थी। किसान संगठनों ने एलान किया कि पंजाब के अन्य जिलों में भी धरने प्रदर्शन दौरान कई किसानों की मौत हो चुकी है। किसानों ने मांग की है कि इन दोनों मृत किसानों के परिवार को मुआवजा, एक परिजन को सरकारी नौकरी, इनका कर्जा माफ किया जाए।
पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध के चलते गुरुवार को एक और किसान की जान चली गई। कुछ दिन पहले जहां मुक्तसर जिले के गांव बादल के धरने में एक किसान ने जहर खा लिया था, वहीं संगरूर और मानसा जिलों में भी एक-एक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ जाने की वजह से हो चुकी है। आज संगरूर के रेलवे स्टेशन पर लगे धरने से यह बुरी खबर आई है। बताया जाता है कि यहां रेलवे स्टेशन पर दिन-रात के पक्के धरने में शामिल किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इस घटना से आंदोलनकारी किसानों में रोष और बढ़ गया है।
मृतक की पहचान संगरूर जिले के गांव भुल्लरहेड़ी के 65 वर्षीय लाभ सिंह के रूप में हुई है, जो एक बेटे और एक बेटी का पिता था। लाभ सिंह एफसीआई में ठेके प्रथा के तहत चौकीदार के रूप में काम करता था और भारतीय किसान यूनियन के राजेवाल ग्रुप से जुड़ा हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार एफसीआई की ड्यूटी खत्म करके वह रोज रात को संगरूर रेलवे स्टेशन पर दिन-रात के पक्के धरने में शामिल होता था।
उसकी मौत की घटना के बारे में कीरती किसान यूनियन के यूथ विंग के स्टेट कन्वीनर भूपेंद्र लौंगोवाल ने बताया कि लाभ सिंह बुधवार रात को धरने पर आया। देर रात खाना वगैरह खाकर सो गया, लेकिन गुरुवार सुबह 7 बजे न तो वह खुद ही जागा और न उठाने की कोशिश में काफी देर तक कोई जवाब मिला। शायद दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
उधर, जानकारी मिली है कि मृतक लाभ सिंह के परिवार के पास सिर्फ 3 एकड़ जमीन है और उस पर 3 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज भी था। इसी के चलते वह अक्सर तनाव में रहता था। लाभ सिंह की मौत पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन में इस तरह की चौथी मौत है। इससे पहले बीते दिनों मुक्तसर जिले के गांव बादल में दिए गए धरने में शामिल एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। फिर एक किसान की संगरूर में धरने पर दिल का दौरा पड़ जाने से तो इसी तरह मानसा जिले के बुढलाडा में एक प्रदर्शनकारी किसान की जान जा चुकी है।