लुधियाना के साहनेवाल Airport को उड़ाने की धमकी, कहा- 24 घंटे में चार फ्लाइट्स में लगेंगे बम

यरपोर्ट के सहायक प्रबंधक को फोन काल से मिली धमकी के बाद पुलिस के हाथ अभी खाली है। पुलिस को केस अज्ञात पर दर्ज करने में 12 दिन लग गए। एसआइ कुलजीत कौर के अनुसार उक्त केस साहनेवाल एयरपोर्ट के सहायक प्रबंधक पवन कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया।

लुधियाना। पुलिस की मुस्तैदी अथवा लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एयरपोर्ट जैसी संवेदनशील जगह पर खड़े चार विमानों को बम से उड़ाने की फोन पर धमकी मिलती है। उसमें आरोपित का पता लगाना तो दूर, अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मात्र केस दर्ज करने में पुलिस ने 12 दिन का समय लगा दिया।

एसआइ कुलजीत कौर के अनुसार उक्त केस साहनेवाल एयरपोर्ट के सहायक प्रबंधक पवन कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया। अपने बयान में उन्होंने बताया कि 18 फरवरी के दिन वो एयरपोर्ट में मौजूद थे। इसी दौरान दोपहर बाद 3.45 बजे उन्हें मोबाइल नंबर 70092-70388 से एक काल आई। जिसमें बोलने वाले ने बताया कि वो नवदीप उर्फ नवी बोल रहा है। अगले 24 घंटों के दौरान चार फ्लाइट्स में बम लगेगा। बचा सको तो बचा लो। यह बोल कर उधर से फोन काट दिया गया। इस बात का पता चलने के बाद एयरपोर्ट पर मौजूद यात्रियों में सुरक्षा संबंधी घबराहट और दहशत की स्थिति पैदा हो गई।

साहनेवाल एयरपोर्ट में आती है केवल एक फ्लाइट

इंस्पेक्टर दविंदर शर्मा ने कहा कि सूचना मिलते ही सभी अधिकारी एयरपोर्ट पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गए। वहां पहुंचने के बाद पता चला कि साहनेवाल एयरपोर्ट में चार नहीं केवल एक फ्लाइट आती है। धमकी देने वाले मोबाइल नंबर की जांच की गई तो वो हैबोवाल निवासी नवदीप उर्फ नवी का ही निकला। उसके बारेे में जांच पड़ताल की ताे पता चला कि उसके पिता करियाना की दुकान करते हैं। वो खुद नौकरी की तलाश में हरिद्वार में है। छानबीन में यह भी पता चला कि किसी ने उसके मोबाइल को हैक करके उसे फंसाने के लि फेक काल की है। इससे पहले भी उसे फंसाने के लिए साजिश हो चुकी है।

साइबर सेल टीमकर रही जांच

दविंदर शर्मा ने कहा कि पुलिस की साइबर सेल टीम अब मामले की गहराई में जाकर चेक कर रही है कि वह नंबर किसने हैक किया था। ताकि आरोपित का पता लगा उसे गिरफ्तार किया जा सके। मामले देरी से दर्ज करने के सवाल पर सफाई देते हुए इंस्पेक्टर शर्मा ने कहा कि उस समय पुलिस इन्वेस्टीगेशन में व्यस्त थी। दूसरी और यदि उस मोबाइल नंबर पर केस दर्ज कर दिया जाता तो नवदीप नवी मुश्किल में पड़ सकता था। जांच पड़ताल पूरी करने के बाद केस दर्ज किया गया है।

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