डॉक्टर बनने का सपना टूटा तो जगराओं की 18 साल की छात्रा ने फंदा लगाकर दी जान

मानसी पढ़ाई में अच्छी थी। क्लास में हमेशा टॉपर्स में रहती थी। उसका सपना डॉक्टर बनने का था। दो दिन पहले आए नीट के रिजल्ट ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया। इसी निराशा में उसने आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया।

जगराओं (लुधियाना)। डॉक्टर बनने का सपना टूटने पर यहां 18 वर्षीय एक छात्रा ने फंदा लगाकर जान दे दी। पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहने वाली लड़की को जब आगे की पढ़ाई में उम्मीद से कम सफलता मिली तो वह इसे सहन नहीं कर पाई। उसने अपने घर में पंखे से फंदा लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

मानसी पुत्री जगदीश पाल निवासी गीता कॉलोनी (जगराओं) स्कूल स्तर पर हमेशा बोर्ड में टॉप करती रही। उसका सपना डॉक्टर बनने का था। उसने खूब मेहनत करके नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) दिया था। उसमें भी उसे हमेशा की तरह टॉप पर रहने की उम्मीद थी। हालांकि दो दिन पहले आए रिजल्ट ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया। वह उम्मीद के अनुसार अंक हासिल नहीं कर पाई और उसका डॉक्टर बनने का सपना टूट गया।

रविवार को दोपहर 1:30 बजे के करीब उसके माता-पिता घर से नवरात्र के लिए कुछ सामान लेने बाजार गए थे। पीछे मानसी ने घर की दूसरी मंजिल पर अपने स्टडी रूम में जाकर पंखे के साथ फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। जब उसके माता-पिता बाजार से लौटे तो उन्हें इस बात का पता चला। उन्होंने पुलिस को सूचना दी तो थाना सिटी प्रभारी इंस्पेक्टर निधान सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मानसी के पिता जगदीश पाल के बयान पर धारा 174 की कार्रवाई की गई है।

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