लुधियाना। नशा तस्करी के आरोप में एसटीएफ द्वारा पकड़े जाने के बाद अब राणो खन्ना पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस उसे एक पुराने किडनेपिंग के केस में प्रोडक्शन वारंट पर लाई है। उससे सीआइए स्टाफ में लगातार पूछताछ की जा रही है।
हालांकि सवाल यह है कि एक पुराने केस के बहाने क्या खन्ना पुलिस राणो से नए राज खुलवा पाएगी ? इनमें एक राज यह भी है कि राणो के एक साथी को एक पूर्व एसएचओ ने नशा तस्करी में पकड़ा था, लेकिन उसे सेटिंग कर छोड़ दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार समराला रोड स्थित मॉडल टाउन की राणो के साथी की कोठी है। इस बहुचर्चित कोठी के मालिक युवक को कुछ साल पहले तत्कालीन एसएचओ ने पकड़ लिया था। बताते हैं कि इस वक्त युवक की विदेश में रहने वाली एक रिश्ते की बहन ने सेटिंग कराई थी। उसके बाद ही युवक को छोड़ा गया था। बताते हैं कि इसकी जानकारी अब एसटीएफ और पुलिस के बड़े अधिकारियों को भी है। लिहाजा इस बारे में भी राणो से पूछताछ की जा रही है।
राणो के लोकल नेटवर्क पर नजर
सूत्र बताते हैं कि राणो के एसटीएफ द्वारा पकड़े जाने के बाद से ही अपनी साख को बचाने की कवायद में खन्ना पुलिस जुटी है। इसके लिए कई दिन से राणो के लोकल नेटवर्क को पुलिस खंगाल रही थी, लेकिन कोई खास सफलता उसे नहीं मिली थी। इसके चलते अब राणो से पूछताछ में पुलिस को इस मामले में भी सफलता मिलने की उम्मीद है।
नशा तस्करी के आरोप में एसटीएफ की तरफ से पकड़े गए पूर्व अकाली सरपंच गुरदीप राणो का जहां पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं से पक्का याराना था, वहीं अपना माल बेचने के लिए उसने एक बेहद मजबूत नेटवर्क भी बनाया हुआ था। सूत्रों के अनुसार राणो ने खन्ना-समराला रोड स्थित माडल टाउन की एक कोठी में सेलिंग प्वाइंट बना रखा था। इसमें कोठी का मालिक और उसके साथी राणो से नशा लेकर उसे समराला, माछीवाड़ा के एरिया में सप्लाई करते थे।
राणो के पकड़े जाने के बाद से ही इस कोठी का मालिक युवक फरार है। वहीं कई दिन से गायब राणो की पत्नी और दो बच्चे भी दो दिन पहले ही लौट आए हैं। बताते हैं कि एसटीएफ को राणो से पूछताछ में ही इस सेङ्क्षलग प्वाइंट की जानकारी मिली थी और एसटीएफ की टीमें राणो के पकड़े जाने के बाद दो बार इस घर में आ भी चुकी हैं। हालांकि अभी फरार युवक का टीम को पता नहीं चला है। इसके अलावा खन्ना पुलिस भी अपने नेटवर्क के जरिए फरार कोठी मालिक को काबू करने की कोशिश में जुटी है। बताते हैं कि कोठी मालिक का स्वर्गवासी पिता भी नशा तस्करी में ही संलिप्त था।
समराला के एक गांव का पहलवान भी था एजेंट
सूत्रों के अनुसार माडल टाउन की इस कोठी मालिक के अलावा समराला तहसील के एक गांव का पहलवान भी एसटीएफ की रडार पर है। वह भी फरार बताया जा रहा है। एसटीएफ उसकी भी तलाश कर रही है। उस पहलवान का भी राणो से सीधा लिंक था और राणो से नशा लेकर इलाके के गांवों में सप्लाई करने का काम करता था।
इंटरनेशनल ड्रग रैकेट में पकड़े गए पूर्व सरपंच गुरदीप सिंह को पूछताछ के बाद एसटीएफ ने अमृतसर में पकड़ी 200 किलो हेरोइन व लुधियाना के 33 किलो हेरोइन व 6 किलो आइस के केस में भी नामजद कर लिया है। गुरदीप पहले अमृतसर मामले के आरोपी सिमरन संधू से नशा लेता था। फिर उसने बेदी और आखिर में 33 किलो के साथ पकड़े तीन आरोपी मंजीत, विशाल और अंग्रेज सिंह से नशा लेना शुरू किया। पूछताछ में जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाले है।
आरोपी ड्रग डील करने के लिए इतनी अहतियात बरतते थे कि उन्हें कोई ट्रेस ही न कर पाए। इसके लिए आरोपी रवेज सिंह ढिल्लो आस्ट्रेलिया में बैठे तनवीर सिंह से अपने आस्ट्रेलिया के ही मोबाइल व सिम के जरिए बात करता था ताकि वह ट्रेस ही न हो सके। ड्रग डील तय होने के बाद तनवीर सिंह आस्ट्रेलिया से रवेज को वाट्सअप पर डिलीवरी देने आने वाले तस्कर की बिना सिर की फोटो भेजता था, जिसके बाद रवेज अपनी बिना सिर वाली फोटो उसे वाट्सअप करता था ताकि ड्रग डिलीवरी के समय दोनों को एक दूसरे की पहचान न हो। ऐसा इस लिए भी किया जाता था कि एक व्यक्ति के पकड़े जाने के बाद पूरी ड्रग चेन ब्रेक न हो।
आरोपी संधू ने 6 महीने में 40 एकड़ जमीन खरीदी
एसटीएफ ने गुरदीप, उसकी पत्नी व बेटे के 3 बैंक अकाउंट सीज कर दिए। इनमें से गुरदीप के अकाउंट में 25 लाख रुपए मिले हैं। हालाकि वे पैसे कहां से आए, इसका पता नहीं चल सका है। जांच में पता चला कि 6 महीने पहले आरोपी ने 40 एकड़ जमीन खरीदी है। वे जमीन गांव राणों व उसके आसपास है। गुरदीप सिंह ने दो महीने पहले खन्ना में प्रॉपर्टी डीलर का काम शुरू करने के लिए नया ऑफिस तैयार किया गया। जबकि पक्खोवाल रोड पर भी ऑफिस तैयार किया था। उसने मॉडल टाउन व दुगरी मार्केट में दो फूड कोट खोलने थे। इसके लिए जगह लेकर कागज तैयार कर लिए थे।
सभी कारें नगद खरीदीं, दो को नशा छिपाने के लिए करा रखा था मॉडिफाई
पता चला कि आरोपी गुरदीप ने सभी कारें कैश खरीद की थी। जबकि तीन कारों की अभी 25-30 प्रतिशत पेमेंट देनी बाकी थी। आरोपी द्वारा दो कारें मोडीफाई की हुई थी। जिसमें नशा रखकर सप्लाई करने की बात सामने आई है। जबकि उसने सभी कारें सिर्फ एफिडेबिट पर खरीदी थी। पुलिस द्वारा कारें बेचने वाले लोगों को भी जांच में शामिल किया जाएगा। गुरदीप दिन में दो से तीन बार हेरोइन का नशा करता था।
होशियारपुर से खरीदी PIH 8 नंबर की गाड़ी को छोड़ किसी भी सेकेंड हैंड गाड़ी को नहीं कराया अपने नाम
हेरोइन तस्करी के मामले में पकड़े गए सरपंच गुरदीप सिंह से बाॅर्डर रेंज और एसटीएफ लुधियाना ने कई लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। गाड़ियां लग्जरी होने के साथ-साथ इन पर छोटे नंबर भी लगे हुए हैं और यह गाड़ियां लुधियाना के अलावा दिल्ली, अमृतसर, होशियारपुर, चंडीगढ़ की हैं। जोकि सरपंच गुरदीप सिंह ने अपने नाम पर नहीं करवाई हुई हैं। इन वीवीआईपी नंबर वाली गाड़ियों में से केवल एक गाड़ी PIH 8 गुरदीप सिंह के नाम पर है जोकि होशियारपुर से खरीदी थी। वीआईपी नंबर व लग्जरी कार का इस्तेमाल करने का मकसद पुलिस से बचने व रौब जमाने के लिए करता था ताकि कोई उसे रोके न और न ही तलाशी ले। इसके अलावा एक गाड़ी अप्लाइड फार की भी गुरदीप से बरामद हुई है।
ये गाड़ियां हैं किसी और के नाम पर…
PB 10 EZ 2084 बीआरएस नगर, PIG 1 गढ़शंकर, PCA 8 सीरिज अमृतसर, PB 10 FC 1458 फोकल प्वाइंट लुधियाना, CH 01 AE 3060 चंडीगढ़, CH 01 AC 1224 चंडीगढ़, DL 4c AF 1440 दिल्ली (श्रीनगर से दिल्ली 2016 में ट्रांसफर हुई)।