पंजाब कांग्रेस में घमासान, अपनी ही पार्टी के राज्यसभा सदस्य दूलों का घर घेरने पहुंचे कांग्रेसी, पुलिस ने रोका
रायकोट से जिला परिषद सदस्य और यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रभदीप सिंह ग्रेवाल इनकी अगुवाई कर रहे थे। मौके पर खन्ना के डीएसपी राजन परमिंदर सिंह और एसएचओ सिटी 2 रणदीप कुमार भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। बेरिकेट्स से काफी पहले ही करीब 100 वर्करों को डीएसपी राजन परमिंदर सिंह में रोक कर बताया कि सांसद दूलोंं घर पर नहीं है, लेकिन वे नहीं माने। आखिर बेरिकेट्स पर पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक लिया।
लुधियाना । पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा। पार्टी के दो सांसद प्रताप सिंह बाजवा व शमशेर सिंह दूलों बागी तेवर अपने हुए हैं। पार्टी इन दिनों अपनी ही लड़ाई में उलझी हुई है। सोमवार को इससे गुस्साए कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के राज्यसभा सदस्य शमशेर सिंह दूलों का आवास घेरने दूसरी बार पहुंचेेे। इस बार रायकोट से कांग्रेसी वर्कर खन्ना पहुंचे। हालांकि, सांसद दूलो समराला रोड स्थित अपने आवास पर नहीं थे, लेकिन पूरी तैयारी के साथ बैठी खन्ना पुलिस ने इस बार कांग्रेसियों को दूलोंं के घर के करीब भी नहीं जाने दिया। उन्हें बेरिकेट लगा कर पहले ही रोक लिया गया।
रायकोट से जिला परिषद सदस्य और यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रभदीप सिंह ग्रेवाल इनकी अगुवाई कर रहे थे। मौके पर खन्ना के डीएसपी राजन परमिंदर सिंह और एसएचओ सिटी 2 रणदीप कुमार भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे। बेरिकेट्स से काफी पहले ही करीब 100 वर्करों को डीएसपी राजन परमिंदर सिंह में रोक कर बताया कि सांसद दूलोंं घर पर नहीं है, लेकिन वे नहीं माने। आखिर बेरिकेट्स पर पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक लिया।
कांग्रेसी दूलोंं के घर जाने के लिए अड़े रहे, लेकिन पुलिस ने नहीं जाने दिया। इस दौरान कांग्रेसियों ने दूलोंं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्हें पार्टी के खिलाफ गैरजरूरी बयानबाजी से परहेज करने की नसीहत दी। इसके बाद करीब 5 मिनट तक कांग्रेसी वर्कर धरने पर बैठे रहे। उसके बाद वे वापस लौट गए।
बता दें, दूलों कैप्टन को हमेशा निशाने पर लेते रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने व प्रताप सिंह बाजवा ने कैप्टन के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मामले की शिकायत हाईकमान तक पहुंचा दी है। हालांकि हाईकमान से अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है। दूलों व कैप्टन की पुरानी सियासी लड़ाई है। 2006 में जब दूलों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष थे तो अक्सर उनकी ही अपनी पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अनबन रहती थी। 2007 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान टिकटों के वितरण को लेकर दूलों अमरिंदर से खासे नाराज थे। दरअसल, कैप्टन लगातार अकाली दल में सेंधमारी करके उनके नेताओं को कांग्रेस में न केवल शामिल कर रहे थे बल्कि उन्हें टिकटें भी दिला रहे थे।