पंजाब के लोग हाथों पर सैनिटाइजर नहीं, जहर लगा रहे, बाजार से लिए सैंपलों में आई रिपोर्ट फेल

बाजार में उपलब्ध सस्ता सैनिटाइजर आपके लिए घातक हो सकता है। जांच में पता चला है कि इनमें मेथिल एल्कोहल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह आंखों हाथों को नुकसान पहुंचा सकता है। पंजाब के बड़े शहरों में लोगों ने लगाई नकली सेनिटाइजर बनाने वाली फैक्ट्री, राज्य सेहत विभाग ने शुरू की छापेमारी।

जिस सैनिटाइजर को आप कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। वह सैनिटाइजर आपका वायरस से बचाव तो कर सकता है, पर यह किसी जहर से कम नहीं है। यह जानकारी हाल ही में सेहत विभाग की ओर से बाजारों में चेकिंग के दौरान लिए गए सैनिटाइजर के सैंपलों की रिपोर्ट में पता चली है। जांच में सामने आया है कि इन सैनिटाइजर में मेथिल एल्कोहल का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह आंखों, हाथों को नुकसान पहुंचा सकता है। यही नहीं, अगर कोई इसे गलती से पी ले तो उसकी किडनी भी खराब हो सकती है और उसकी जान तक जा सकती है।

सेहत विभाग ने दस दिन के भीतर अलग-अलग स्थानों से 25 सैनिटाइजर के सैंपल लिए। इनमें से अभी तक चार की ही रिपोर्ट विभाग को मिली और यह सभी फेल पाए गए। इनमें सेहत के लिए हानिकारक मेथिल एल्कोहल पाया गया या फिर इस्तेमाल होने वाले एथिल एल्कोहल की मात्रा ही पूरी नहीं थी। इससे साफ है कि जो सैनिटाइजर आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह आपके लिए बेहद खतरनाक है।

क्या है मेथिल एल्कोहल, कहां होता है इस्तेमाल

सेहत विभाग के अनुसार मेथिल एल्कोहल की गंध एथिल एल्कोहल की तरह ही है। मगर यह मनुष्य के लिए घातक है। इसका इस्तेमाल पेंट, थिनर, कीटनाशक दवाइयों में किया जाता है। मेथिल एल्कोहल पी लेने से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। यही नहीं, बच्चों के लिए यह धीमा जहर है। एथिल शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जरूरत बढ़ने के कारण इसकी खपत ज्यादा होने लगी है, इसलिए यह कम मिल रहा है जबकि एथिल अधिक मिल जाता है।

पांच लीटर की कैन में बेचा जा रहा सस्ता सैनिटाइजर

इस समय शहर में सैनिटाइजर का गोरखधंधा चल रहा है। रेहड़ी वाले से लेकर हार्डवेयर तक की दुकान करने वाले सब सैनिटाइजर बेचने में लगे हैं। रोक के बावजूद अंदरखाते उनकी तरफ से पांच-पांच लीटर की कैन में भी सस्ता सैनिटाइजर बेचा जा रहा है। औद्योगिक नगरी से कोरोड़ों रुपये की दवाइयां आधे पंजाब में सप्लाई होती हैं। पिछले समय के दौरान बड़ी मात्रा में यह सैनिटाइजर बेचे जा चुके हैं।

हैबोवाल के घर में चल रही थी फैक्ट्री, सेहत विभाग ने पकड़ी

शहर के हैबोवाल में 16 जून के करीब एक घर में ही अंबाला की एक नामी कंपनी के नाम का सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा था। सेहत विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दो लोगों को काबू कर वहां से सैनिटाइजर की पेटियां बरामद की थीं। इनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया तो वह भी फेल पाया गया है। पकड़े गए दोनों आरोपित इस समय जेल में हैं।

हिमाचल के बद्दी में भी बन रहा घटिया सैनिटाइजर

हाल ही में पूरे प्रदेश से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं हैं। सेहत विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट के आने के बाद से हिमाचल प्रदेश में पड़ते बद्दी में तीन फर्मे भी विभाग की रडार पर हैं। हिमाचल से बड़े स्तर पर दवाइयां और सैनिटाइजर शहर में आते हैं और फिर यहां से विभिन्न जिलों से आने वाले रिटेलर्स को सप्लाई किए जाते हैं।

बेहद सतर्क होकर खरीदें सैनिटाइजर

जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी कुलविंदर सिंह का कहना है कि सैनिटाइजर खरीदते समय सतर्क रहने की जरूरत है। सैनिटाइजर की बोतल पर दी गई जानकारी को पढ़ने के बाद ही इसे खरीदा जाना चाहिए। हाल ही में बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर की आई रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है, इसीलिए उन्होंने कैन में बिकने वाले सैनिटाइजर पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके खिलाफ वह विशेष अभियान भी चला रहे हैं।

यहां करें शिकायत

अगर कहीं घटिया स्तर का सैनिटाइजर मिले तो सेहत विभाग के 104 नंबर हेल्पलाइन पर शिकायत कर सकते हैं।

साबुन है बेहतर विकल्प

चीन के वुहान शहर में पैदा हुआ कोरोन वायरस तकरीबन पूरी दुनिया में पैर पसार चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन इसे वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है। भारत में भी इस जानलेवा वायरस के 70 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इससे बचने के लिए लोगों को सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के साथ साबुन से बार-बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। इसके साथ ही, एक नई बहस  भी शुरू हो चुकी है कि वायरस से लड़ने के लिए साबुन या सैनिटाइजर में से क्या ज्यादा बेहतर है।

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने कोरोना वायरस से बचने के लिए साबुन को ज्यादा बेहतर विकल्प बताया है। साबुन वायरस में मौजूद लिपिड का आसानी से खात्मा कर सकता है। दरअसल, साबुन में फैटी एसिड और सॉल्ट जैसे तत्व होते हैं जिन्हें एम्फिफाइल्स कहा जाता है। साबुन में छिपे ये तत्व वायरस की बाहरी परत को निष्क्रिय कर देते हैं। करीब 20 सेकंड तक हाथ धोने से वो चिपचिपा पदार्थ नष्ट हो जाता है जो वायरस को एकसाथ जोड़कर रखने का काम करता है।

एक्सपर्ट यह भी बताते हैं कि कोरोना वायरस का सामना सिर्फ वही सैनिटाइजर कर सकेगा जिसमें एल्कोहल की मात्रा अधिक होगी। सामान्य तौर इस्तेमाल होने वाला साबुन इसके लिए ज्यादा बेहतर विकल्प है। बता दें कि कोरोना वायरस से चीन में हजारों और इटली, ईरान जैसे देशों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से उन लोगों को ज्यादा खतरा है जिनका इम्यून सिस्टम काफी खराब है। कोरोना वायरस से मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग लोग इस बात का सबूत हैं। (सभार-दिलबाग दानिश, जागरण डाट काम)

 

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