चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसके मद्देनजर कैप्टन सरकार ने प्रदेश में नाइट कर्फ्यू की तारीख आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इसकी घोषणा भी कर दी है और नए सिरे से एडवाइजरी भी जारी कर दी है। नए आदेशों के तहत अब प्रदेश में 1 जनवरी 2021 तक नाइट कर्फ्यू रहेगा और इसकी समयावधि रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगी।
Punjab CM Captain Amarinder Singh orders extension of night curfew & curbs on number of people at gatherings till January 1, 2021, with directives to the state police to ensure strict compliance, especially at marriage palaces: Punjab Chief Minister's Office (CMO)
— ANI (@ANI) December 11, 2020
पंजाब में शादियों और पार्टियों के दौरान कोविड के प्रतिबंधों का बड़े स्तर पर उल्लंघन करने की शिकायतों के चलते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक जनवरी, 2021 तक इंडोर के लिए सौ और आउटडोर के लिए 250 लोगों तक रखने के आदेश दिए हैं। कैप्टन ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को मैरिज पैलेसों और अन्य स्थानों पर बंदिशें सख्ती से लागू करने के हुक्म दिए हैं। उल्लंघन करने पर मेज़बान पर जुर्माना लगाने को कहा।
पंजाब में अधिक मृत्यु दर का नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने कर्फ्यू की बंदिशें (रात 10 बजे से प्रात:काल 5 बजे तक) एक जनवरी तक बढ़ाने के हुक्म दिए हैं। इससे पहले रात का कर्फ्यू एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक लगाया गया था। मुख्यमंत्री ने सह रोगों से पीड़ित 70 साल से अधिक उम्र के पॉजिटिव मरीज़ों के लिए घरेलू एकांतवास ख़त्म करने के हुक्म दिए, बशर्ते कि घर में उचित मेडिकल सुविधाएं मुहैया हो सकती हों।
वर्चुअल मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने बताया कि बड़ी संख्या में कोविड मौतें घरेलू एकांतवास मामलों में सामने आई हैं। मौतों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी प्राइवेट अस्पतालों की विस्तृत जांच के हुक्म दिए हैं, जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि केवल स्तर-3 के उचित बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन वाले अस्पतालों को ही कोविड मरीज़ दाखि़ल करने की इजाज़त दी जाए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आरटीपीसीआर टेस्टिंग दर प्रतिदिन 30,000 की सीमा बरकरार रखने के लिए कहा। स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने इस मौके पर बताया किया कि अभी तक राज्य में 35 लाख नमूनों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 1.5 लाख नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, पंजाब में दूसरी लहर धीमी ही रही है, लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने इस पक्ष पर भी गौर फरमाया कि 87 प्रतिशत मौतें 45 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों की हुई हैं और निजी केयर सेंटरों में मौतों की दर 50 प्रतिशत है।
शहरी इलाकों में 30.5 प्रतिशत पॉजिटिव दर, जबकि ग्रामीण इलाकों में 21.0 प्रतिशत पॉजिटिव दर पाई गई। लुधियाना में इसकी सब से अधिक मार पड़ी, जिसकी कुल पॉजीटिव दर 54.6 प्रतिशत रही। शहरी क्षेत्रों में यह दर 71.7 प्रतिशत पाई गई। इसके बाद फ़िरोज़पुर, जालंधर और एसएएस नगर (मोहाली) अधिक प्रभावित हुए। शहरी और ग्रामीण इलाकों में महिलाओं में पॉजिटिव दर अधिक पाई गई। प्रत्येक जिले में 400 नमूने एकत्र करने का जिम्मा सौंपा गया था, जिसमें से 200 नमूने ग्रामीण इलाकों से, जबकि 200 शहरी इलाकों में से लिए गए।
12 जिलों में करवाए गए सीरो सर्वे की रिपोर्ट आई
पंजाब के 12 जिलों में दूसरे चरण का सीरो सर्वे करवाया गया था, जिसके अनुसार सूबे की करीब 25 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना से संक्रमित है। 95.9 प्रतिशत लोगों में कोरोन के लक्षण दिख नहीं रहे हैं, लेकिन वे कोरोना संक्रमित मिले हैं।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि सीरो सर्वे के तहत 4678 लोगों के साथ बात की गई। इन लोगों के सैंपल भी लिए गए। इनमें से 4.03 प्रतिशत लोगों में लक्षण नजर आए, जबकि 95.9 प्रतिशत लक्षणों से रहित मिले।
स्वच्छता सर्वे:कोरोना के कारण 4 जनवरी से होने वाला स्वच्छता सर्वे अब 1 से 31 मार्च तक होगा
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वे 2020-21 की अवधि में 2 माह का विस्तार करने से निगम को अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए एक और मौका मिला है। कोरोना के कारण पहले क्वार्टर का काम प्रभावित होने के कारण 4 जनवरी से शुरू होने वाला सर्वे अब 1 से 31 मार्च को होगा। तब तक निगम स्पर्धा की तीनों कैटेगरी में अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकता है, लेकिन दूसरी ओर सर्वे की शर्त में सीवरेज की सफाई और सीवरमैन को मिल रही सुविधा पर नंबर तय करने से निगम की परेशानी बढ़ गई है। सर्विस लेवल प्रोग्राम के तहत सफाई मित्रा नाम से इसको जोड़ा गया है।
ऐसे में बस्ती पीरदाद एसटीपी की सीवर लाइन पर दबाव के कारण नॉर्थ और वेस्ट हलका के आधा दर्जन वार्ड में सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या, सीवरेज जाम की शिकायत पर कई दिनों तक सुधार न होने से लेकर अब भी अकसर मशीनरी की बजाय मैनुअल ढंग से मैनहोल और सीवर लाइन की सफाई करने के काम को लेकर सर्वे में निगम का नंबर कटेंगे।
इसके साथ ही सीवरमैन के पास सेफ्टी किट के लिए सर्वे में 40 नंबर हैं, लेकिन निगम के सीवरमैन के पास सेफ्टी किट नहीं होने के कारण यह नंबर कटना तय है। निगम के स्वच्छ भारत मिशन के इंचार्ज एचओ डॉ. श्री कृष्ण शर्मा ने बताया कि अब सॉलिड वेस्ट के साथ सीवरेज को लेकर भी सर्वे में नंबर तय होंगे।
सरकार ने पहली बार यह जोड़ा है, इसलिए किस काम के कितने नंबर हैं, यह अभी पता नहीं है, लेकिन बताना होगा कि कितनी आबादी को सीवरेज सुविधा उपलब्ध है, कितने कनेक्शन हैं, कितना डिस्चार्ज है, उसमें से कितना गंदा पानी ट्रीट हो रहा है, क्या व्यवस्था है ये सारी डिटेल देनी होगा। इसलिए सर्वे में अब निगम के ओ एंड एम ब्रांच की भी सहभागिता होगी।
बीते साल 119वें नंबर पर रहा था जालंधर
बीते साल के सर्वे में निगम अपने टॉप रैंक पर 119वें नंबर पर था। एक से 10 लाख की आबादी वाले देश के 423 शहरों में जालंधर को यह स्थान मिला था। हालांकि देश भर के कैंटोनमेंट एरिया में जालंधर कैंट के नंबर वन आने से निगम को आईना दिखाने का भी काम किया था।