जालंधर/अमृतसर. पंजाब में कर्फ्यू के बीच नशा तस्कर और लुटेरे बेखौफ घूम रहे हैं। सोमवार को राज्य के कई इलाकों में अलग-अलग तरह की तरह आपराधिक घटनाएं सामने आई। जालंधर जिले के नूरमहल में शराब तस्कर का कारिंदा बताए जा रहे एक युवक ने गश्त कर रहे दो पुलिस वालों पर पेट्रोल बम फेंक दिया, जिससे दोनों बुरी तरह झुलस जाने के बाद अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
इसी तरह अमृतसर में भी नशा तस्करों द्वारा फायरिंग की घटना में सरपंच समेत दो लोग जख्मी हैं। हालांकि पुलिस ने दोनों घटनाओं के संबंध में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है, पर सोचने वाली बात है कि यह कैसा कर्फ्यू है। पुलिस को भी और पुलिस को कंट्रोल करने वाली सरकार को भी विचार करना चाहिए कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। कर्फ्यू को सही मायने में कर्फ्यू मानकर सख्ती बरतनी चाहिए।
नजर पड़ते ही पुलिस पर हमलावर हो गया तस्कर, किया ये हाल
पंजाब में कर्फ्यू के बावजूद सड़कों पर बिना वजह घूमने वालों को शुरू के दो दिन पुलिस ने डंडे के जोर पर घरों में रखा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देश पर ईमानदारी से ड्यूटी निभाने वाले करतारपुर के एसएचओ पुष्प बाली को लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके बाद लोग बेखौफ हो गए और पुलिस डमी पुलिस नजर आ रही है। आज इसी का नतीजा खुद पुलिस वालों को भी भुगतना पड़ा।
हुआ यूं कि जालंधर में पंजाब पुलिस के नूरमहल थाने का एएसआई सरूप सिंह और होमगार्ड के मुलाजिम रछपाल सिंह कर्फ्यू के दौरान बाइक पर गश्त कर रहे थे। गांव पंडोरी जगीर में सड़क किनारे खड़े एक देशराज नामक व्यक्ति ने मुलाजिमों को देखकर उन पर पेट्रोल बम से हमला कर दिया। इस दौरान दोनों मुलाजिम बुरी तरह से झुलस गए। पुलिस ने बाद में आरोपी को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
जानियां में ऐसे धोया तस्करों को, फिर पुलिस को सौंपा
मिली जानकारी के अनुसार अमृतसर के कस्बा जंडियाला गुरु के गांव जानियां में रविवार देर शाम नशा देने पहुंचे दो तस्करों का लोगों ने विरोध किया तो आरोपियों ने गोली चला दी। गोली लगने से सरपंच सिकंदर बीर सिंह व एक ग्रामीण मेजर सिंह गंभीर जख्मी हो गए। इसके बाद गुस्साए लोगों ने दोनों तस्करों को पकड़ लिया और जमकर धुनाई की। पुलिस ने दोनों तस्करों किशन कुमार व घुद्दा निवासी गांव शेखुपुरा को पिस्टल सहित गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। एसएचओ रशपाल सिंह का कहना है कि सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि कर्फ्यू में दोनों ने नशा कहां से खरीदा।
यह है हकीकत: कर्फ्यू सिर्फ नाम का
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू यानि स्वेच्छा से घरों में रहने का आह्वान किया तो पंजाब ने भरपूर सहयोग किया। दूसरी तरफ पंजाब सरकार पहले ही चार दिन के लिए लॉकडाउन का ऐलान कर चुकी थी। पंजाबियों ने जनता कर्फ्यू में तो भरपूर सहयोग किया, पर अगले ही दिन सड़कों पर आवारा पशुओं की तरह नजर आई। लुधियाना समेत कई शहरों में जाम की स्थिति बन गई तो पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। ऐसे में पंजाब सरकार ने प्रदेश में अनिश्चित कालीन कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। अब पिछले 15 दिन से कर्फ्यू सिर्फ कहने को कर्फ्यू है। जालंधर, लुधियाना समेत विभिन्न शहरों में लोग सब्जी मंडी में, बैंकों के बाहर और दवाइयों के बाहर अनियंत्रित नजर आते हैं। नशा तस्कर और लुटेरे भी बेखौफ घूम रहे हैं। ऐसे में समझ से परे की बात है कि ये कैसा कर्फ्यू है। यह लापरवाही है या इंसानियत। अगर इंसानियत है तो सरकार को समझ लेना चाहिए कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते। कर्फ्यू को सही मायने में कर्फ्यू मानकर सख्ती बरतनी चाहिए।