राज्य में बुजुर्ग पेंशन के नाम पर 162 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। इसमें 30 से 40 साल की महिलाओं और पुरुषों की उम्र में हेरफेर कर गलत तरीके से पेंशन ली गई है। साल 2015 में वास्तविक उम्र ज्यादा दिखाकर, पते गलत लिखे गए। फर्जीं इनकम सर्टिफिकेट लगाकर यह लाभ लिया गया। इस फर्जीवाड़े में सबंधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी उजागर हुई है। ये लोग करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ लेते रहे। पेंशन का भार बढ़ने पर सरकार ने साल 2017 में इसकी जांच के आदेश दिए। जांच के बाद अब 3 साल बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ। राज्य के 22 जिलों में 70,137 लोगों ने अवैध तरह से पेंशन निकाल सरकार को 162 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का चूना लगाया।
वहीं मामले में खुलासा होने के बाद, सरकार ने सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े की रिकवरी के आदेश दिए हैं। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों से महीने में दो बार यानी हर 15 दिन में वसूली में हुई प्रगति की रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए। जो अधिकारी समय पर रिपोर्ट भेजने में देर करेंगे, उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी।
मामले में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारीका कहना है कि शुक्रवार को उन्हें सरकार की ओर से वसूली का पत्र मिला है। अब विभाग डिप्टी कमिश्नर को लेटर भेजेगा। रिकवरी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी वसूली का काम करवाएगी।
यह पेंशन पाने का नियम
- बुढ़ापा पेंशन योजना का लाभ 65 साल के पुरुष और 58 साल की महिला को मिलता है।
- बुढ़ापा पेंशन पाने के लिए पति-पत्नी की मासिक आय 6 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए ।
- ऐसे लोग जिनके पास 2 एकड़ या इससे कम जमीन है है, उन्हें भी बुढ़ापा पेंशन का लाभ मिलता है।
- पेंशन लगवाने को तहसील से आय प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है, जिसमें आय का ब्योरा देना होता है।
- इस स्कीम के तहत लोगों को जीवन यापन के लिए हर माह सरकार की ओर से 750 रुपए दिए जाते हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
साल 2014-15 में तमाम स्थानीय नेताओं ने तहसील कर्मियों की मिलीभागत से गलत आय प्रमाण पत्र बनवाए। फिर 30 से 40 साल तक की महिलाओं और पुरुषों को बुजुर्ग बताकर समाज कल्याण विभाग के अफसरों से मिलीभगत कर बुढ़ापा पेंशन में नाम दर्ज करवा लिया। ऐसे लोगों की भी पेंशन लगाई गई, जिनकी आमदनी हर महीने 50 हजार से ज्यादा है। वो दूध, जनरल स्टोर आदि के कारोबार से जुड़े हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे लोगों की पेंशन लगवाई गई, जिनके पास दस-दस एकड़ तक जमीन है। स्थानीय नेताओं ने सरकार का रौब दिखाकर यह पेंशन बनवाई।
डायरेक्टर बोले-सभी जिलों को रिकवरी के आदेश दिए गए हैं
सभी 22 जिलों में गलत तरीके से बुढ़ापा पेंशन का लाभ लेने वाले लोगों से वसूली करने के लिए लेटर भेज दिया गया है। सभी जिला समाज सुरक्षा अधिकारियों से संबंधित लोगों से जल्द से जल्द रिकवरी करने को कहा गया है। यदि रिकवरी में देर हुई तो अगली कार्रवाई की जाएगी।
इसी तरह का मामला साल 2017 में पंजाब के अंदर सामने आया था इसमें अमूमन स्वर्ग सिधारने के बाद इंसान को पेंशन की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन पंजाब में 65743 लोग दुनिया छोड़ने के बाद भी कंगाल सरकार से 500 रुपये प्रति महीना बुढ़ापा पेंशन वसूल कर रहे थे.
पंजाब में सत्ता संभालते ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में पिछले 10 सालों से चल रहे पेंशन के फर्जीवाड़े की जांच के आदेश दिए थे. अब तक हुई जांच में पता चला है कि राज्य के 2,45,935 से अधिक बुढ़ापा पेंशन धारक फर्जी हैं. इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग है ही नहीं, कुछ की आय निर्धारित आय से ज्यादा है तो कईयों के पास लाखों रुपये की संपत्ति है.
हैरानी की बात बात यह है 65743 बुढ़ापा पेंशन लेने वाले लोग स्वर्ग सिधार गए हैं तो 45128 लोगों ने पेंशन हड़पने के लिए गलत पते दिए थे. 42437 जवान लोग बुढ़ापा पेंशन हड़प रहे हैं, 10199 अमीर लोग बुढ़ापा पेंशन वसूल रहे थे.जांच के दौरान 82428 पेंशनधारक तो लोग जांच में शामिल ही नहीं हुए. सरकार को अंदेशा था कि इनमें से भी ज्यादातर लोग फर्जी हो सकते हैं. यानी फर्जीवाड़ा कहीं ज्यादा बड़ा है.
पंजाब में 2017 में कुल 19.80 लाख लोगों को 500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाती थी. सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर प्रतिवर्ष 49.51 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे थे.दरअसल, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का यह फर्जीवाड़ा पिछले 10 सालों से चला रहा था. ज्यादातर फर्जीवाड़ा मालवा बेल्ट में स्थित जिलों में हुआ जहां पर बादल परिवार का दबदबा रहा है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में कम से कम 50 करोड़ रुपये का गोल माल हुआ था. इसके बाद सरकार ने सभी पेंशनधारकों की पेंशन रोककर जांच करवाई व जाली पेेंशन धारकों का लिस्ट से नाम काट दिया लेकिन अब समय के साथ राजनीतिक संरक्षण में पेंशन में गोलमाल का नया तरीका निकाल लिया गया व फिर से पंजाब में करोड़ों रुपए का पेंशन घोटाला अंजाम दे दिया गया। सूत्रों के मुताबिक पेंशन के फर्जीवाड़े में न केवल पेंशनधारक और उनके परिवार बल्कि दर्जनों भ्रष्ट सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.