मौसम / पंजाब में दूसरे दिन भी झमाझम बारिश, कई जगह भारी ओलावृष्टि; तापमान में गिरावट दर्ज

20 से ज्यादा गांवों में फसलों को नुकसान, पठानकोट में भी ओलावृष्टि लेकिन नुकसान नहीं पठानकोट के तापमान में 18 डिग्री; न्यूनतम तापमान 15 से गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस पहुंचा

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जालंधर. पंजाब में गुरुवार शाम को शुरू हुई बारिश शुक्रवार शाम तक जारी रही। हालांकि कभी तेज तो कभी हल्की बूंदाबांदी हुई, वहीं बीच-बीच में रुकती भी रही। संगरूर समेत प्रदेश के कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि भी हुई। संगरूर जिले में 20 से ज्यादा गांवों में फसलें को नुकसान पहुंचा है। जालंधर और पठानकोट में भी ओलावृष्टि हुई है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो पठानकोट इलाके में यही बारिश और ओलावृष्टि 15-20 दिन बाद पड़ती तो लीची और आम की फसल को नुकसान पहुंच सकता था।

गेहूं की फसल औऱ् सब्जियों पर पड़ा बुरा असर
संगरूर जिले में शुक्रवार को भारी बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल और सब्जियों पर बुरा असर पड़ा है। संगरूर में सुबह 9 बजे तक 4 एमएम और लहरागागा में 7 एमएम बरसात दर्ज की गई, जबकि भारी बरसात दोपहर 2 बजे के बाद हुई है। लहरागागा, संगतपुरा और गागा में भारी आलावृष्टि से गेहूं, हरा चारा और सब्जियां इसकी चपेट में आ गई है।

सबसे अधिक असर लहरागागा के गांव खाई, सेखूवास, गागा, खोखर, संगतपुरा, कोटडा लेहल, पालमपुर, अलीशेर, कालियां, लहरागागा और सुनाम के गांव नीलोवाल छाजली, कोहियां, गोबिंदगढ़ जेजियां, संगतीवाला, छाहड में सबसे अधिक ओलावृष्टि हुई है, जहां फसल को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। खेतीबाड़ी विभाग की ओर से टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया गया है।

पठानकोट में भी गुरुवार रात साढ़े 11 से लेकर 12 बजे के बीच में कई बार ओलावृष्टि के साथ तेज बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जो रातभर जारी रहा। शुक्रवार सुबह 10 बजे फिर से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ और दिनभर जारी रहा। इस बीच रुक-रुककर बारिश होती रही।

तापमान में आई गिरावट

  • संगरूर में बारिश के चलते 3 डिग्री तक तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। अधिकतम तापमान 21 डिग्री से 18 डिग्री तक आ गया।
  • उधर पहाड़ी इलाके से सटा होने के चलते पठानकोट में अधिकतम तापमान में 6 डिग्री की कटौती के साथ 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 से गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।

कृषि अधिकारियों की राय

  • कृषि अधिकारियों डॉ. जसविन्द्र पाल सिंह ग्रेवाल का कहना है कि नुकसान के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
  • वहीं पठानकोट के ब्लॉक खेतीबाड़ी अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह ने कहा – आज हुई यही बारिश और ओलावृष्टि 15 से 20 दिन बाद होती तो लीची और आम की फसल को नुकसान पहुंच सकता था।
  • कृषि अधिकारियों के अनुसार बारिश से गेहूं को ज्यादा फायदेमंद है। अब गेहूं को पानी लगाने क जरूरत नहीं पड़ेगी। दाना काला पड़ने की संभावना के बीच एक्सपर्ट से सलाह लेकर दवा का छिड़काव करें।

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