पंजाब में कोराेना रफ्तार:राजभवन में कोरोना, गवर्नर के प्रमुख सचिव समेत 1090 पॉजिटिव, 24 माैतें, 5 दिन में तीसरी बार 1000 से ज्यादा संक्रमित
कुल 24,520 मरीजों में 16,088 ठीक हो चुके, 594 की माैत, 7838 का इलाज चल रहा
सूबे में काेराेना ने रफ्तार पकड़ ली है। बीते 9 दिनों में 7,831 लोग संक्रमित और 195 की मौत हो चुकी है। यानी अब हर दिन औसतन 868 मरीज मिल रहे हैं जबकि 21 की मौत हो रही है। रविवार को 1090 नए मरीज मिले जबकि 24 मौते हुईं। लुधियाना में 8, अमृतसर में 4, जालंधर में 3, फिरोजपुर में 2, पटियाला, संगरूर, बरनाला, रोपड़, कपूरथला, तरनतारन और पटियाला में 1-1 मरीज की मौत हुई।
मृतकों का कुल आंकड़ा अब 594 हो गया है। वहीं, संक्रमिताें की संख्या 24520 पहुंच गई है। इनमें 65% यानी 16088 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि 7838 यानी 32% मरीजों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। इनमें 131 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट और 22 वेंटिलेटर पर हैं। रविवार को जालंधर से 3, गुरदासपुर से 1 मरीज काे आईसीयू और लुधियाना व गुरदासपुर से 1-1 मरीजा को वेंटिलेटर पर रखा गया।
इसके अलावा रविवार को 459 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। उधर, चंडीगढ़ में पंजाब राजभवन में भी कोरोना पहुंच गया है। राज्यपाल वीपी बदनौर के प्रमुख सचिव जे.एम बालामुरूगन काेरोना पॉजिटिव पाए गए। राज्यपाल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। राजभवन में बालामुरूगन समेत 4 मुलाजिम संक्रमित पाए गए।इसके अलावा चंडीगढ़ में 85 अन्य लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
कहां कितने केस
लुधियाना 338, पटियाला 152, जालंधर 79, अमृतसर 69, मोहाली 45, संगरूर 55, बठिंडा 56, मोगा 59, फतेहगढ़ साहिब 41, गुरदासपुर 34, रोपड़ 22, नवांशहर 32, होशियारपुर 10, फिरोजपुर 15 मुक्तसर 7, पठानकोट 5, तरनतारन 31, मानसा 9, कपूरथला 9, बरनाला 20, फरीदकोट 2
लुधियाना केस 5 हजार पार
लुधियाना में कुल मरीजों की संख्या 5198 और 172 की मौत हो चुकी है। यानी सूबे के कुल मरीजों में 21% मरीज लुधियाना से हैं। जबकि कुल 592 माैतों में 29% फीसदी लुधियाना में हुई हैं। रिकवरी रेट भी सबसे कम 60% लुधियाना में है।
अस्पताल में भागने की कोशिश करने वाली संक्रमित लड़की की मौत
सिविल अस्पताल में शुक्रवार रात को छलांग लगा भागने की कोशिश करने वाली माछीवाड़ा की संदीप कौर (19) की डीएमसी में मौत हो गई। लड़की को हार्ट की दिक्कत थी। हार्ट ब्लॉकेज ही मौत का कारण बनी। युवती कोरोना संक्रमित थी। सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. हतिंदर ने बताया कि वह 6 अगस्त को यहां भर्ती हुई थी। उस समय वे आइसोलेशन वॉर्ड में तैनात स्टाफ को स्मार्ट फोन देने के लिए कहती रही। पर उसके भाई ने मना कर दिया था। इसके बाद उसने भागने की कोशिश की थी। बाद में उसे डीएमसी रेफर किया था।