जालंधर। विदेश में बैंक खातों में लेन-देन के मामले में वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह से ईडी ने करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। ईडी आफिस बाहर निकल रणइंदर ने कहा कि उनके पास छिपाने को कुछ नहीं है। वह हर वक्त पूछाताछ के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि राजनीतिक बदले की भावना से पूछताछ के सवाल पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इससे पहले, रणइंदर सिंह वीरवार को जालंधर स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में पहुंच गए। इससे पहले रणइंदर दो बार विभिन्न कारणों के चलते ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। रणइंदर सिंह के साथ उनके एडवोकेट व तेजेंद्र बिट्टू भी ईडी कार्यालय पहुंचे हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों द्वारा रनिंदर से तीन घंटे से पूछताछ की जा रही है। रणइंदर सिंह के लिए बर्गर व कोक खाने के लिए भेजा गया है। रणइंदर सिंह से एक छोटे अंतराल के ब्रेक के बाद दोबारा पूछताछ शुरू की जाएगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे होने के नाते जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से भी ईडी ऑफिस के आसपास सुरक्षा चाक-चौबंद की गई है। वहीं, ईडी कार्यालय के बाहर industry development board Punjab के डायरेक्टर मलविंदर लक्की भी रणइंदरका इंतजार कर रहे है।
ईडी दफ्तर में रणइंदर सिंह को मिलने के लिए एक- कांग्रेस वर्कर को छोड़कर कोई नहीं आया है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के मुलाजिम बार-बार खिड़कियों से नीचे सुरक्षा व्यवस्था और मीडिया कर्मियों की मौजूदगी की जानकारी लेकर अधिकारियों को लगातार सूचित कर रहे है।
खास यह कि जब रणइंदर सिंह ईडी कार्यालय पहुंचे तो मौके पर डीसीपी गुरमीत सिंह, एसीपी मॉडल टाउन एचएस गिल व एसीपी हरसिमरत सिंह भी वहां पहुंच गए।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर सिंह को अब 19 नवंबर को हाजिर होने को लेकर समन जारी किया था। इससे पहले 6 नवंबर को रणइंदर को पेश होने के लिए ईडी ने कहा था लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट का हवाला देकर 6 नवंबर को हाजिर होने में असमर्थता जताई थी।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर के विदेश में बैंक खातों व ब्रिटिश आइसलैंड में ट्रस्ट बनाने के मामले को जांच कर रहा है। इससे पहले अक्टूबर में भी रणइंदर ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। ईडी ने पहली बार वर्ष 2016 में रणइंदर सिंह को समन भेजा था लेकिन वे जांच में सहयोग के लिए नहीं पहुंचे थे। तब ईडी दफ्तर में रणइंदर का काफी देर तक इंतजार होता रहा था।