जालंधर । पंजाब कांग्रेस में कलह की आग फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अैार पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासान फिर जोरों पर है। सिद्धू के बाद अब उनके सलाहकारों ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमले शुरू कर दिए हैं। सिद्धू के सलाहकार नियुक्त किए गए मालविंदर माली ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। माली ने कैप्टन पर आरोप लगाया कि वह पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एजेंडा लागू कर रहे हैं।
सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली ने किया मुख्यमंत्री पर हमला
बता दें कि सिद्धू ने दो दिन पहले ही राज्य में अपने चार सलाहकार नियुक्त किए थे। उनके से एक पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने सिद्धू के आफर को ठुकरा दिया था और उनका सलाहकार बनने से इन्कार कर दिया था। सिद्धू के एक सलाहकार मालविंदर माली भी है। माली ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला किया। उन्हाेंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एजेंडा ही लागू किया है।
माली ने कहा, ‘मैं गुरचरण सिंह टोहड़ा से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रकाश सिंह बादल का सलाहकार रहा हूं। पंजाब के विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार खुलकर व्यक्त करता हूं। अगर सिद्धू पंजाब के हित के लिए कोई अच्छा एजेंडा ला रहे हैं तो कैप्टन को उसका समर्थन करना चाहिए।’
कहा- सिद्धू की राह में कांटे बिछा सुखबीर को मुख्यमंत्री बना देंगे कैप्टन
एक सवाल के जवाब में माली ने कहा कि कैप्टन सिद्धू की राह में भी कांटे बिछा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब में नवजोत सिंल सिद्धू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनवाने के बजाए अकालियों की मदद कर सुखबीर को मुख्यमंत्री बना देंगे। यह गलत है। कैप्टन ने तो सिद्धू व पाकिस्तानी जनरल बाजवा की जफ्फी को मुद्दा बनवा दिया और अब मोदी के राष्ट्रवाद के एजेंडे को पंजाब में लागू करना चाहते हैं। उन्हें मोदी के बजाए सिद्धू के एजेंडे पर काम करने की जरूरत है।
इससे पहले माली ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की बुधवार को प्रधानमंत्री व मंगलवार को अमित शाह के साथ हुई बैठकें करने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कैप्टन ने शाह के साथ पांच किसान नेताओं की बात की है और मंदिरों पर हमले की आशंका जताई है। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कैबिनेट में बदलाव का प्रपोजल लेकर गए कैप्टन को सलाह दी थी कि वह पंजाब में सिद्धू के साथ मिलकर काम करें। परंतु कैप्टन ने अपना एजेंडा मोदी और शाह को दे दिया।
माली ने कहा कि कैप्टन, मोदी और अमित शाह की तिकड़ी से सावधान रहने की जरूरत है। यह पंजाबियों और किसानों के लिए सांप्रदायिक तनाव, डर और आतंक खतरे की घंटी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में अर्द्धसैनिक बलों की 25 कंपनियों की तैनाती मांगी है। इसका खर्च भी पंजाब सरकार को उठाना पड़ सकता है। इससे कर्ज में डूबे पंजाब पर और आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
गौरतलब है कि माली ने सिद्धू का सलाहकार नियुक्त होने से पहले इंटरनेट मीडिया पर सिद्धू के पक्ष में जमकर कसीदे पढ़े। विभिन्न राजनीतिक दलों के मुफ्त बिजली के वादों पर जहां अन्य नेताओं की निंदा की वहीं सिद्धू का पक्ष लेते हुए कहा कि अगर वह कह रहे हैं तो कुछ करेंगे जरूर। माली मुफ्त बिजली के बजाए सस्ती दर पर बिजली देने की वकालत भी कर चुके हैं।