GNDU की री-अपीयर की परीक्षाएं सोमवार से, नतीजों को सुधारने वाले नहीं दे सकते परीक्षा

कोविड-19 की वजह से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों की पिछली परफार्मेंस के हिसाब से नतीजे जारी कर दिए गए थे। हालात कुछ ठीक होने के बाद ही जीएनडीयू की तरफ से विद्यार्थियों को नतीजों को सुधारने के लिए आवेदन मांगे थे।

जालंधर। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की तरफ से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन से दूसरे और चौथे सेमेस्टर की री-अपीयर व नतीजों को सुधारने की परीक्षाएं 12 अक्टूबर से ली जानी हैं। परीक्षा से पहले ही जीएनडीयू ने फरमान जारी कर विद्यार्थियों को चौंका भी दिया और निराश भी कर दिया। इस नए फरमान में जीएनडीयू की तरफ से कहा गया है कि 12 अक्तूबर से शुरू होने वाली परीक्षाओं में अब केवल री-अपीयर के विद्यार्थी ही भाग ले सकते हैं। यानी कि जिन विद्यार्थियों की तरफ से जीएनडीयू की तरफ से जारी किए गए एवरेज नतीजों पर असंतुष्टी जाहिर की थी और नतीजों को सुधारने के लिए आवेदन किया था। वे अभी परीक्षा नहीं दे सकेंगे।

जीएनडीयू की तरफ उप रजिस्ट्रार एचएस भिंडर की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि नतीजों को सुधारने वाले विद्यार्थियों को यह मौका बाद में सरकार की हिदायतों के अनुसार आफलाइन ही दिया जाएगा। गौर हो कि कोविड-19 की वजह से शिक्षण संस्थान मार्च महीने से ही बंद हो गए थे। ऐसे में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के विद्यार्थियों का नया सेशन खराब न हो इसलिए यूनिवर्सिटी की तरफ से पिछली परफार्मेंस के हिसाब से नतीजा जारी कर दिए गए थे। उस समय यही कहा गया था कि हालात ठीक होने पर विद्यार्थी इच्छानुसार परीक्षा दे सकते हैं। अब हालात कुछ ठीक होने के बाद ही जीएनडीयू की तरफ से विद्यार्थियों को नतीजों को सुधारने के लिए आवेदन मांगे थे, ताकि जल्द से जल्द परीक्षाओं की कार्यप्रणाली को पूरा किया जा सके। जिसे लेकर 12 अक्टूबर को परीक्षाएं करवाने की घोषणा कर दी थी। फिर उसके बाद नतीजों को सुधारने की परीक्षाएं अभी प्रबंधों का हवाला देते हुए टालने के जारी हुए फरमान से विद्यार्थियों में निराशा जरूर पैदा हो गई है।

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