जालंधर। पौंग डैम वेटलैंड में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पंजाब में खतरा बढ़ गया है। जालंधर स्थित नार्थ रीजनल डसीसिज डायगनोस्टिक लैब (एनआरडीडीएल ) में जांच के बाद खुलासा हुआ है कि पंजाब में वर्ड फ्लू अन्य डैम पर भी फैल सकता है। लैब में दो पक्षियों के शवों की जांच में बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आए हैं। एनआरडीडीएल के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दो सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए थे।
लैब के प्रभारी डा. एमपी सिंह ने बताया कि गीज पक्षियों के दो सैंपल जांच के लिए आए थे जिसमें बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं। सेंपलों को पैक कर गहन जांच के लिए भोपाल भेज दिया गया है। वहां होने वाली जांच की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। बीमारी की पुष्टि करना लैब के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
डा. एमपी सिंह ने कहा कि बर्ड फ्लू के लक्षण सामने आने के बाद पशु पालन विभाग ने पंजाब में भी अलर्ट जारी कर दिया है। पौंग वेटलैंड के दस किलोमीटर के दायरे में सर्वे किया जाएगा ताकि स्थानीय पक्षियों को इस बीमारी से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि करीब चार साल पहले दिल्ली और राजपुरा में पाए गए बर्ड फ्लू के मामलों में नया वायरस एच5एन8 मिला था। जो इससे पूर्व चंडीगढ़ में फैले बर्ड फ्लू में मिले एच5एन1 एवियन फ्लू वायरस से थोड़ा कमजोर था।
पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी
सोमवार को पौंग डैम वेटलैंड में 627 और विदेशी पक्षियों की मौत हो गई। इनमें से 122 धमेटा वीट और 505 नगरोटा सूरियां में मृत पाए गए हैं। पौंग डैम वेटलैंड में मृतक पक्षियों का आंकड़ा बढ़कर 2401 हो गया है। पक्षियों के मरने का पहला मामला 28 दिसंबर, 2020 को सामने आया था। वहीं जांच के लिए वाइलड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून से तीन सदस्यीय टीम भी पौंग डैम पहुंच गई है।
पर्यटन व मछली पकड़ने पर लगाई रोक
डीएफओ राहुल एम रेहाणे के अनुसार मृतक पक्षियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस कारण वन्य जीव विभाग ने पौंग झील में पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी है। फतेहपुर, ज्वाली, नगरोटा सूरियां के अंतर्गत पड़ते पौंग झील के किनारों के एक किलोमीटर के क्षेत्र को अलर्ट जोन घोषित कर दिया है। पौंग झील में मछली पकड़ने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी गई है।