Coronavirus: विदेश से लौटे 4885 NRIs गायब, ढूढ़ने के लिए पुलिस और पंचायतों का लिया सहारा

सेहत विभाग ने गायब हुए एनआरआइज को ढूंढ निकालने के लिए पुलिस प्रशासन और गांव स्तर पर पंचायतों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सिविल सर्जन आफिस को चार हजार एनआरआइज की सूची मिली है। करीब 1835 एनआरआइज की सूची पर पहले से ही सेहत विभाग की टीमें काम कर रही हैं। जिले में अब तक विदेशों से पहुंचने वालों की संख्या 5835 तक पहुंच गई है और विभाग की टीमें केवल 950 लोगों तक पहुंच पाई है।

जालंधर । कोरोना वायरस (CoronaVirus) के कैरियर बने एनआरआइज का जिले में आने का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में विदेश से लौटे करीब 4885 NRIs गायब हैं। सेहत विभाग की टीमें उन तक पहुंचने में तेजी नहीं दिखा पा रही है। इस कारण वायरस का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। एनआरआइज की स्क्रीनिंग ना होने से जिला वायरस के बारूद के ढेर पर बैठा है।

सेहत विभाग ने गायब हुए एनआरआइज को ढूंढ निकालने के लिए पुलिस प्रशासन और गांव स्तर पर पंचायतों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सिविल सर्जन आफिस को चार हजार एनआरआइज की सूची मिली है। करीब 1835 एनआरआइज की सूची पर पहले से ही सेहत विभाग की टीमें काम कर रही हैं। जिले में अब तक विदेशों से पहुंचने वालों की संख्या 5835 तक पहुंच गई है और विभाग की टीमें केवल 950 लोगों तक पहुंच पाई है।

इसकी वजह से उनके घर वालों के अलावा उनसे मिलने वाले तथा बाजारों व गांव में हजारों लोगों को बीमारी के मुहाने पर पहुंचा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास केवल 85 मुलाजिमों की टीम एनआरआइज को ढूंढ़ने में जुटी हुई है। जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए विभाग को तेजी दिखानी होगी।

जागरूकता व सतर्कता से जीत सकते हैं जंग

कोरोना से जंग के लिए लोगों को खुद लड़ाई लड़नी होगी। जागरूकता व सतर्कता से ही कोरोना के खिलाफ जंग जीती जा सकती है। सेहत विभाग व सरकारी तंत्र इस लड़ाई की तैयारी में जुटा है, लेकिन जब तक लोग साथ नहीं देंगे तब तक इस लड़ाई को जीत पाना मुश्किल है। तमाम कोशिश के बाद भी फिलहाल जिले में 242 आइसोलेशन वाले बेड का इंतजाम सरकारी अस्पतालों में किया जा सका है। अगर मरीजों की संख्या इससे ज्यादा होती है तो सेहत विभाग निजी अस्पतालों की मदद लेगा। सरकारी अस्पतालों के पास कुल 755 बेड हैं, लेकिन कोरोना से जंग के लिए अभी 242 बेडों का इंतजाम किया गया है।

इमरजेंसी हेल्पलाइन 104 हुई बिजी

इन दिनों सेहत विभाग की हेल्पलाइन अतिव्यस्त चल रही है। लोगों को जानकारी लेने के लिए दो तीन बार डायल करना पड़ता है। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस की जानकारी लेने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। आने वाली कुल कॉल्स में से 70 फीसद कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी मांग रहे हैं।

खुद भी एहतियात बरतें

कोरोना के संदिग्धों की सूचना तत्काल हेल्पलाइन नंबरों पर दें। घबराएं नहीं, बल्कि खुद में भी अगर कोरोना के संक्रमण की आशंका लगे तो उसकी सूचना तत्काल देकर परिवार के बाकी सदस्यों से दूरी बनाकर एक कमरे में खुद को अलग करके रखें। कोरोना से संक्रमित मरीज सही हो रहे हैं। इस बात का ख्याल रखें।

सेहत विभाग गायब एनआरआइज को ढूंढने के लिए पुलिस प्रशासन और पंचायतों का सहारा लेगा। जिले के एसएमओज को संबंधित थाने के एसएचओ और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें सूचियां सौंपकर सहायता करने की अपील की जा रही है। रोजाना उनसे फीडबैक भी लेंगे। जल्द सभी को ढूंढकर उन्हें क्वारंटाइन करने से समस्या का समाधान होगा। विदेश से लौटे लोग अपने परिवार से दूरी बनाकर रखें।

-डॉ. गुरिंदर कौर चावला, सिविल सर्जन

आप भी कर सकते हैं सेहत विभाग का सहयोग

यदि आपके पास, गांव या कस्बे में कोई व्यक्ति पिछले एक माह दौरान विदेश से आया है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर 104, 0181-2224848 पर या वाट्सएप नं. 98723-30938 पर दें। इसके अलावा एनआरआइ भी अपने और अपने परिवार वालों की सेहत के लिए सहयोग करें और खुद अपनी जांच करवाने के लिए सिविल अस्पताल पहुंचें। 

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