जालंधर। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की दी जाने वाली वर्दियों की खरीद स्कूल मैनेजमेंट कमेटियां (एसएमसी) करेंगे। वह वर्दियों को खरीदने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं और उन पर वैंडर विशेष से वर्दियां खरीदने संबंधी दबाब नहीं बनाया जा सकता। अगर शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी की तरफ से ऐसा करने का मामला सामने आया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एसएमसी के सदस्यों को कई लोग फोन करके वैंडर विशेष से वर्दियां खरीदने का संदेश भेज रहे हैं, जो सही नहीं हैं। यही नहीं यह भी ध्यान में आया है कि वर्दियों की खरीद को लेकर ब्लाक प्राइमरी एजुकेशन अफसर (बीपीईओ) की तरफ से भी एसएमसी मैंबरों को किसी खास दुकान से वर्दियां खरीदने के लिए कहा जा रहा है।अगर उनके खिलाफ कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई शुरू की जाएगी।
शिक्षा विभाग से मिले आदेशों के तहत एसएमसी मैंबर वर्दियों की क्वालिटी के बारे में अच्छी तरह से परख करने के बाद उनकी खरीद पूरी करें। इसके अलावा विद्यार्थियों के साइज के अनुसार ही वर्दियां बनाई जाए इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न रखी जाए।
शिक्षा विभाग की रिव्यू मीटिंग में उठे ऐसे सवाल
शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल, स्कूल हेड को जल्द से जल्द वर्दियों की खरीद पूरी करने के लिए आदेश दिए गए थे, मगर अभी भी वर्दियों का वितरण बेहद कम हुअा है। इस मामले को लेकर स्टेट दफ्तर की तरफ से वीडियाे कांफ्रेंसिंग के जरिये रिव्यू किया गया, जिसमें यही बात सामने आई कि फंड मुहैया करवाने के बाद भी छात्राें काे वर्दियां मुहैया नहीं करवाई जा सकीं हैं।