होशियारपुर। अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में तीन दिन में 939 विदेशी पक्षियों की मौत हो गई। आज शुक्रवार को यहां 89 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई है। इससे पहले गत दिवस 850 प्रवासी पक्षियों की मौत हो गई थी। पक्षियों की हो रही मौतों के कारण वन्य विभाग (वाइल्ड लाइफ) सकते में है। पक्षियों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए विभाग ने टीम का गठन किया है, ताकि इतनी भारी तादाद में पक्षियों के मरने का कारण पता लग सके। वन्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मरे पक्षियों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, ताकि मौत का कारण पता चल सके। अभी तक कोई ठोस कारण का पता नहीं चल पाया है।
ये पक्षी धमेटा रेंज की वीट धमेटा, पौंग बांध, संसारपुर टैरेस व डाडा सीवा में मृत मिले। बांध बनने के बाद पांच दशक में इतनी संख्या में पक्षियों के मरने के यह पहली घटना है जिसके बाद विभाग में भी सकते आ गया है। मौत के कारण जांचने के लिए वाइल्ड लाइफ विभाग ने टीम का गठन किया गया है। डीएफओ राहुल एम रोहाणे व रेंज अफसर सेवा ङ्क्षसह ने बताया है कि मरने वाले अधिकतर पक्षी शाकाहारी हैं।
उन्होंने बताया कि विदेशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर ये पक्षी कुछ दिन पहले ही यहां पहुंचे थे। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया। टीम ने झील के आसपास इलाकों की भी जांच की है लेकिन कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली। पक्षियों का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई पौंग झील में प्रवासी पक्षियों का शिकार करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उधर, सूत्र बताते हैं कि झील के आसपास कुछ लोगों ने अवैध रूप से खेती कर रखी है। माना जा रहा है, वहां कीटनाशक डाले होंगे जिसे खाने के बाद दो दिन में इतने पक्षी एक साथ मर गए।