फरीदकोट/फिरोजपुर। Corornavirus से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है, लेकिन इसकी दहशत में किसी मृतक का अंतिम संस्कार ही न करने दिया जाए, यह तो संवेदनहीनता है। पंजाब में इस महामारी का खौफ इस कदर बढ़ गया है कि लोग साधारण मौत या संदिग्ध मामलों में भी शवों के अंतिम संस्कार को बाधित कर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ रहे हैं। सोमवार को फिरोजपुर में ऐसे ही एक मामले में कोरोना के संदिग्ध का तीन श्मशानघाटों पर अंतिम संस्कार नहीं होने दिया गया। सेहत विभाग की टीम व स्वजन शव को लेकर देर शाम तक भटकते रहे।
फिरोजपुर के गोबिंद नगरी सिंह सभा गुरुद्वारा इलाके के रहने वाले 30 वर्षीय युवक की फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसे फिरोजपुर के सिविल अस्पताल से रेफर किया था। उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। को शाम शव फिरोजपुर पहुंचा तो सेहत विभाग ने परिजनों को रात में ही शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा।
अंतिम संस्कार के लिए शव को पहले कैंट श्मशानघाट ले जाया गया। वहां लोगों को पता चला तो उन्होंने सेहत विभाग व पुलिस कर्मियों को घेर लिया और कहा कि वह यहां अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। एसडीएम अमित गुप्ता व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, लेकिन लोग नहीं माने। लोगों के विरोध को देखते हुए शव को जीरा गेट श्मशानघाट ले जाया गया। यहां भी आस-पास के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बाद में विभाग की टीम शव को बस्ती भट्टियां वाला ले गई। यहां भी लोगों ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया। इसके कारण गत दिवस अंतिम संस्कार नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग व स्वजन आज शव का अंतिम संस्कार करेंगे।