फतेहगढ़ साहिब। सिख पंथ से निकालने गए पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह सोमवार को नए विवाद में फंस गए। लंगाह ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के भौर साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब करवाया। पाठ के दौरान चौर साहिब की सेवा भी की। उनके यह फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के कुछ घंटे बाद ही गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर कर्म सिंह और लंगाह को सिरोपा देने वाले ग्रंथी को सस्पेंड कर दिया गया।
पाठ के दौरान लंगाह ने की चौर साहिब की सेवा, ग्रंथी ने दिया था सिरोपा
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने इस मामले की जांच के लिए फ्लाइंग टीम का गठन भी कर दिया है। टीम मंगलवार को फतेहगढ़ साहिब गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर जांच करेगी। गुरुद्वारा साहिब के अन्य जो भी कर्मचारी या अधिकारी संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी को समर्पित शहीदी सभा से पहले लंगाह ने गुरुद्वारा साहिब में अखंड पाठ शुरू करवाया था।
फोटो इंटरनेट मीडिया में वायरल होने के बाद खड़ा हुआ विवाद, जांच के लिए फ्लाइंग टीम भी गठित
सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे लंगाह परिवार सहित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। अरदास के दौरान लंगाह ने चौर साहिब की सेवा भी की। ये तस्वीरें सामने आने के बाद शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के वरिष्ठ नेता व विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह ने इसका विरोध किया।
यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार भाई हरप्रीत सिंह के ध्यान में लाया गया। शाम को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के निजी सहायक जसपाल सिंह ने एसजीपीसी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस घटना को शर्मनाक करार दिया। पत्र में जिम्मेदार कर्मचारियों पर तुरंत सख्त कार्रवाई करने के लिए लिखा गया था।
गलती माफ करने लायक नहीं : जगीर कौर
एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर का कहना है कि गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में जो हुआ वह गलती माफी के लायक नहीं है। मैनेजर और ग्रंथी को सस्पेंड कर जांच बिठा दी गई है। इस मामले में संलिप्त किसी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा।
लंगाह ने 2015 में करवाई थी बुकिंग : मैनेजर
गुरुद्वारा साहिब के सस्पेंड किए गए प्रबंधक कर्म सिंह का कहना है कि लंगाह ने भौरा साहिब में अखंड पाठ के लिए वर्ष 2015 में बुकिंग करवाई थी। उसके तहत अखंड पाठ शुरू किया गया था। गुरुद्वारा के किसी कर्मचारी ने उन्हें सम्मानित नहीं किया न सिरोपा दिया।