फतेहगढ़ साहिब। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसान सड़कों पर हैं। किसानों ने लंबे समय तक रेल ट्रैकों को जाम रखा, जिससे राज्य में ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। बाद में किसानों ने रेल ट्रैक खाली भी किए, लेकिन रेलवे मंत्रालय तब तक मालगाड़ियां चलाने के लिए राजी नहीं था जब तक किसान यात्री ट्रेनों के लिए भी ट्रैक खाली न कर दें। पंजाब सरकार के हस्तक्षेप के बाद किसान इस बात पर राजी हुए कि वह यात्री ट्रेनोंं की आवाजाही में बाधा नहीं डालेंगे। पंजाब में ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने के बाद औद्योगिक क्षेत्र में रौनक लौटने के साथ-साथ कालेज भी गुलजार होने लगे हैं।
पंजाब के शिक्षण संस्थानों में बाहरी राज्यों के छात्रों के लौटने से रौनक लौटने लगी है। फतेहगढ़ साहिब की श्री गुरु ग्रंथ साहिब विश्व यूनिवर्सिटी, माता गुजरी कालेज, अमलोह इलाके स्थित देश भगत यूनिवर्सिटी, खमाणों के कोआर्डिया कालेज आफ ग्रुप में बाहरी राज्यों के हजारों छात्र पढ़ाई करते हैं। पहले कोरोना के चलते छात्र अपने घरों को जाने के लिए विवश हुए थे।
बाद में, लॉकडाउन समाप्त हुआ और जब तक कालेजों को खोलने की मंजूरी मिली तो किसान आंदोलन के चलते रेल ट्रैक बंद रहे। इस वजह से बाहरी राज्यों के छात्र कालेजों व यूनिवर्सिटीज में आकर अपनी पढ़ाई शुरू नहीं कर सके थे। कालेजों के कैंपस में भी सन्नाटा सा छाया रहता था। अब पंजाब में यात्री गाड़ियों की आवाजाही भी काफी हद तक सामान्य होने से छात्र लौट रहे हैं।
हालात समझने पर किसानों व सरकार का जताया आभार
देशभगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डा. जोरा सिंह ने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात व अन्य राज्यों से करीब दो हजार छात्र हैं। सभी छात्र कोरोना संकट में अपने घरों को चले गए थे। रेलगाड़ियां न चलने कारण वे वापस नहीं आ रहे थे। अब यूनिवर्सिटी में रौनक लौट रही है। अभिभावक भी बगैर किसी चिंता के छात्रों को भेज रहे हैं।