यह कैसा शांति मार्च: पंजाब में बड़े पैमाने पर ट्रैक्टरों में लगवाए जा रहे हैं लोहे के राॅड

Farmers Protest पंजाब में किसान 26 जनवरी को ट्रैक्‍टर मार्च की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसे शांति मार्च का नाम दिया गया है लेकिन किसानों की तैयारी कई सवाल उठाती है। राज्‍य में ट्रैक्‍टरों में बड़े पैमाने पर लोहे के रॉड लगावाए जा रहे हैं।

चंडीगढ़। Farmers Protest: दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के लिए पूरे पंजाब में तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। इसे देखकर लग रहा है कि इस बार किसान पूरी तैयारी के साथ आने वाले हैं। कहने को मार्च शांतिपूर्ण होगा लेकिन जिस तरह से तैयारियां की जा रही हैं उसे देखकर लग रहा है कि किसान संगठन पुलिस बल का सामने करने की तैयारी पहले से ही कर रहे हैं।

पत्थर व अन्य अवरोध दूर करने के लिए ट्रैक्टरों की बढ़ाई जा रही हार्स पावर

जालंधर, लुधियाना और कई जिलों में ट्रैक्टरों को विशेष रूप से सुधारा जा रहा है। इनमें ट्रैक्टरों के आगे लोहे के तीखे राड लगाए जा रहे हैं ताकि अगर कोई पुलिस कर्मी उन्हें रोकने की कोशिश करे तो उन पर ट्रैक्टर चढ़ाकर उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया जा सके।

जिस तरह 26 नवंबर को हरियाणा पुलिस की ओर से रास्ते में बड़े बड़े पत्थर लगाकर रास्ता रोका गया था वैसी स्थिति से निपटने के लिए भी किसान तैयारी कर रहे हैं। पत्थर हटाने के लिए ट्रैक्टरों के इंजनों को बड़ा करवाया जा रहा है। आम तौर पर पंजाब में बड़ी खेती करने वाले किसानों के पास 55 हार्स पावर के ट्रैक्टर हैं लेकिन 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने के लिए 120 हार्स पावर से 180 हार्स पावर के ट्रैक्टर तैयार करवाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार के अवरोध को हटाया जा सके।

ट्रैक्टरों के आगे बड़ी बड़ी प्लेटें भी लगाई जा रही हैं ताकि भारी सामान को हटाया जा सके। आमतौर पर ट्रैक्टरों पर दो बड़े पहिए होते हैं लेकिन इन ट्रैक्टरों पर इस प्रकार के चार पहिए लगाए जा रहे हैं ताकि इन्हें भारी चीजें खींचकर हटाने में दिक्कत न आए।

भाकियू के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने बेशक इस तरह की सूचनाओं के मद्देनजर किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है लेकिन किसानों की तैयारियों को देखकर लग रहा है कि वह बल का प्रयोग भी कर सकते हैं।

शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा समेत कई नेता इस प्रकार की तैयारियों के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी अपलोड कर रहे हैं। यही नहीं, कई किसान ऐसे भी हैं जो अपने साथ ले जा रहे महिलाओं, बुजुर्गो के लिए विशेष इंतजाम वाली ट्रालियां बनवा रहे हैं ताकि उन्हें आराम रहे।

 

दिल्‍ली मार्च के लिए ट्रैक्‍टर न दिया तो किसानों को देने होंगे 1100 रुपये

मोगा। जिले के गांव राऊके कलां के किसान परिवारों को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के लिए प्रति एकड़ एक सौ रुपये की राशि देनी होगी। इसके अलावा जो किसान दिल्ली जाने के लिए अपना ट्रैक्टर नहीं देगा उससे 1100 रुपये की राशि ली जाएगी। यह फैसला गांव के लोगों की ओर से आयोजित एक विशेष बैठक में लिया गया। यह फैसला भी लिया गया कि गांव में एक प्रमुख गुरुद्वारा है व छह और धार्मिक स्थल हैं। यह धार्मिक स्थल से ट्रैक्टरों में डीजल डलवाने के लिए 50-50 हजार रुपये देंगे।

बैठक में युवा किसान गुर निशान सिंह ने एलान किया कि गांव में कुल खेती योग्य 6852 एकड़ जमीन है। गांव के किसान प्रति एकड़ एक सौ रुपये का सहयोग देंगे ताकि 26 जनवरी को गांव के ट्रैक्टर दिल्ली भेजे जा सकें। गांव में कुल 382 ट्रैक्टर हैं। रिटायर्ड अध्यापक गांव के वरिष्ठ नागरिक पवित्र सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि जो किसान दिल्ली आंदोलन के लिए अपना ट्रैक्टर नहीं देंगे उनसे 1100 – 1100 रुपये की राशि ली जाएगी। किसान निशान सिंह के इस प्रस्ताव पर गांव के लोगों ने सहमति जताई। बैठक में कोई किसान संगठन शामिल नहीं था और यह फैसला गांव के लोगों की ओर से किसान संघर्ष को समर्थन देने के लिए लिया गया।

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